मुंबई। क्षमा सागर आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या साध्वी श्री निर्वाणश्री जी ठाणा ६ के पावन सान्निध्य में प्रातः 6:35 से क्षमापना का भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ।क्षमा की महत्ता प्रतिपादित करते हुए विदुषी साध्वी श्री निर्वाणश्री जी ने कहा क्षमा जीवन का अमृत है।क्षमा की सरिता में नहाने वाला स्वयं को निर्भार बना देता है। सामनेवाला क्षमा करें या ना करें, हम क्षमा दें और ले,वह अपेक्षित है।
साध्वी डॉ योगक्षेम प्रभा जी ने संयोजकीय वक्तव्य में कहा -आज का दिन अक्षय मैत्री का पाठ पढ़ाता है। हम नफरत के विंध्यांचल को क्षमा की छेनी से तोड़ गिराएँ।
साध्वी लावण्य प्रभा जी, साध्वी कुंदनयशा जी,साध्वी मुदितप्रभा जी एवं साध्वी मधुर प्रभा जी ने” पावन क्षमा पर्व आयो” गीत का संगान किया। प्रवास व्यवस्था समिति के महामंत्री सुरेंद्र जी कोठारी, श्री तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन के अध्यक्ष विनोद जी बोहरा ते म मं से तरुणा बोहरा,मुंबई सभा के उपाध्यक्ष बाबूलाल जी राठौड़,दलपत जी बाबेल ने सबसे खमतखामणा किया।
मलाड व कांदिवली तेरापंथी सभा,तेरापंथ युवक परिषद,तेरापंथ महिला मंडल के पदाधिकारियों ने सबसे खमतखामणा किया। इस अवसर पर गोरेगांव, बोरीवली, दहिसर के पदाधिकारियों ने खमत खामणा किया। खमतखामणा का दृश्य अत्यंत भावविभोर करने वाला रहा।
ज्ञातव्य है कि भवन में करीब 300 अष्ट प्रहरी पौषध, 75 छः प्रहरी पौषध,400 से अधिक चार प्रहरी पौषध हुए। करीब137 भाई बहनों ने श्रमणोपासक की साधना की। किस्तूरचंद जी डूंगरवाल ने 64 प्रहरी व पुष्पा सोलंकी ने 62 प्रहरी पौषध किया। श्री बाबूलाल राठौर परिवार को सम्मान पत्र प्रेषित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन मनीष कोठारी ने किया।
कांदिवलीः क्षमा की सरिता में हजारों श्रावक श्राविकाओं ने किया अवगाहन
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