वसई। साध्वी डॉ पियूष प्रभा जी एवं साध्वी पुण्ययशा जी आदि सहवर्ती साध्वी श्री जी का आध्यात्मिक मिलन वसई में हुआ एवं उसका साक्षी बनने का सौभाग्य वसई समाज को मिला। महातपस्वी, युगप्रधान, परमपूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी के 63वें जन्मदिवस पर वसई, नालासोपारा, विरार चोखले का सामूहिक कार्यक्रम तेरापंथ भवन, वसई में आयोजित किया गया।
साध्वी पुण्ययशा जी एवं साध्वी डॉ पियूष प्रभा जी के द्वारा नमस्कार महामंत्र के संगान से कार्यक्रम की शुरुआत की गई। वसई महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण विरार नालासोपारा भायंदर पालघर से समागत श्रावक समाज का शब्दो से स्वागत तेरापंथी सभा वसई के अध्यक्ष भगवती लाल जी चौहान केद्वारा किया गया। साध्वी पुण्य यशा जी एवं साध्वी बोधी प्रभा जी के द्वारा भी स्वागत में अपनी भावनाएं व्यक्त की गई ।
साध्वी श्री पुण्य यशा जी ने प्रवचन में फरमाया कि लाखों लोगों में एक चिंतक होता है, लाखों चिंतकों में एक साधक होता है और लाखों साधकों में एक महाश्रमणजी जैसा चिंतनशील साधक होता है । महात्मा बुद्ध की करुणा ,गांधी की सत्यवादिता ,स्वामी विवेकानंद की प्रज्ञा एवं समर्पण ,संकल्प और साहस का समन्वय है आचार्य महाश्रमण । सुरामृत अर्थात स्वर्ग का अमृत जिसका देवता पान करते हैं। धरामृत अर्थात धरती का अमृत और आचार्य महाश्रमणजी धरामृत हैं ।
साध्वी डॉ पियूष प्रभा जी ने अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि आज का दिन पावन है और वह जन्मभूमि भी महान है जिसको गुरुवर का जन्म, दीक्षा और पदाभिषेक का सौभाग्य प्राप्त हुआ है ।हम पूर्व के दो युगप्रधान का स्मरण करना चाहेंगे जिन्होंने मुनि मुदित के व्यक्तित्व को निखारा और गण सरताज बनाया। सच्ची साधुता का दर्शन आचार्य महाश्रमण में होता है और सौभाग्य है हमारे कि पंचम कलिकाल में हमें आचार्य श्री महाश्रमण जी जैसे आचार्य प्राप्त हैं। समर्पण है गुरु के प्रति , आगमवाणी के प्रति, आचार्य की आज्ञा के प्रति ।
गुरुदेव के जन्मोत्सव पर तेरापंथी सभा, युवक परिषद , महिला मंडल, कन्या मंडल के द्वारा सुंदर गीतिका प्रस्तुत की गई । तत्पश्चात महिला मंडल की नवयुवती बहनों के द्वारा आचार्य श्री महाश्रमण जी पर संवाद, ज्ञानशाला से तनिश सुर्या द्वारा महाश्रमण संस्कृत गीतिका एव साध्वी वर्धमान यशा जी , दीप्ति यशा जी एवं भावना श्री जी के व्यक्तव्य के साथ ही सभी साध्वीयो ने सामुहिक रूप से सुमधुर गीतिका की प्रस्तुति दी।
विरार सभा के अध्यक्ष रमेश जी , भाईंदर सभा अध्यक्ष भगवती लाल जी वसई से मनोहर जी मेहता , तेयुप वसई के मंत्री विकास जी इटोदिया ने जन्मोत्सव पर अपने भावों की अभिव्यक्ति दी।कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी श्री विनीत यशा जी ने किया एवं पधारे हुए सभी श्रावक समाज का आभार तेरापंथ सभा, वसई से मोहन जी गुंदेचा ने किया।
वसई में मनाया गया आचार्य श्री महाश्रमण जी का जन्मोत्सव
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