- पर्युषण महापर्व पर अभिनव सामायिक का अनूठा प्रयोग
कोटा। साध्वी श्री अणिमाश्रीजी के सान्निध्य में अणुव्रत भवन कोटा में तेरापंथ युवक परिषद् के तत्वावधान में सामायिक दिवस पर अभिनव सामायिक का गरिमामय कार्यक्रम आयोजित हुआ।
जिसमें कुल 245 सामायिक हुई।
साध्वी श्री अणिमाश्री जी ने परिषद को प्रेरणा-पाथेय प्रदान करते हुए-अभिनव सामायिक का उपक्रम समता की साधना का बीजारोपण है। आत्मिक उत्थान का अनुपम अनुष्ठान है- सामायिक / सामायिक श्रावक के लिए साधु- जीवन के रसास्वादन का सारभूत विधान है। चित्तभूमि में समता के अवतरण की पृष्ठभूमि है-सामायिक। पर्युषण महापर्व समतामय जीवन जीने की प्रेरणा देता है। समता के फूलों से जीवन-वाटिका को सजाएं एवं पूरे जीवन को खुशहाल बनाएं।
साध्वीश्री जी ने राजा श्रेणिक के घटना प्रसंग के माध्यम से सामायिक, संतदर्शन, नवकारसी एवं सुपात्रदान के महत्व का प्रतिपादन बड़े ही रोचक ढंग से किया। पूरी परिषद भावविभोर हो गई एवं प्रायः व्यक्तियों ने नवकारसी तप करने का संकल्प लिया। सामायिक करने की भावना व्यक्त की।
साध्वी कणिका श्रीजी ने कहा- आत्मा में समता का अवतरण होना ही सामायिक है। सामायिक आत्मा के आनंद का अनुष्ठान है। सामायिक आत्मा के भीतरी उल्लास की अनुभूति सशक्त सोपान है।
साधी मैत्रीप्रभा जी ने मंच संचालन करते हुए-पर्युषण
महापर्व पर अध्यात्म की गंगा बह रही है। इस गंगा में अभिस्नात होकर आत्मा को पुनीत, पावन, पवित्र, निर्मल, उज्ज्वल बनाए।
साध्वी समत्वयशाजी ने उपदेशामृत का पान करवाया।
अणुव्रत समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने मंगल संगान कर कार्यक्रम को मंगलमय बनाया।तेयुप अध्यक्ष श्री आनन्द दुगड़ ने साध्वीश्रीजी के-प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की एवं जप करने वालों का साध्वी समत्वयशाजी ने अभिनव सामाजिक प्रयोग करवाया।नामोल्लेख किया का विधिवत प्रयोग करवाया ।