मुंबई:केन्द्रीय मंत्री रामदास आठवले ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की वकालत की है। उन्होंने कहा,’मैं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के उस बयान से सहमत हूं, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की वकालत की है।’
आठवले ने आगे कहा, ‘‘मेरा प्रस्ताव है कि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद की पेशकश करके भाजपा और शिवसेना के साथ आने की संभावना पर विचार करना चाहिए। भाजपा और शिवसेना का साथ आना कोई बड़ी बात नहीं है। यहां तक कि शिवसैनिकों को भी लगता है कि दोनों पार्टियों को साथ आना ही चाहिए। अगर भाजपा उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद पूरे पांच साल के लिए देने को तैयार हो जाए तो दोनों पार्टियां साथ आ सकती हैं।’’
बीजेपी की ओर से राज्य में पूर्णकालिक मुख्यमंत्री नहीं होने का तंज उद्धव ठाकरे पर कसने के सवाल पर आठवले ने कहा कि ये पद 2014 से 2019 तक गठबंधन की सरकार चलाने वाले देवेन्द्र फडणवीस को सौंप दिया जाना चाहिए।
महाराष्ट्र में ऐसा है राजनीतिक समीकरण
2019 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को बहुमत मिलने के बावजूद भी सरकार नहीं बन सकी थी। 288 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी 152 सीटों पर चुनाव लड़ी और 105 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई, जबकि शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ी और उसे 56 सीटों पर जीत मिली। सरकार बनाने के लिए महाराष्ट्र में जादुई आंकड़ा 145 है और बीजेपी-शिवसेना के पास 161 विधायक थे, फिर भी सरकार नहीं बनी क्योंकि उद्धव ठाकरे का कहना था कि इस बार मुख्यमंत्री बनाने की बारी शिवसेना की है जो बीजेपी को मंजूर नहीं था।