गोरेगांव (मुंबई) । तेरापंथ भवन में प्रवासित साध्वी श्री डॉ मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में क्या आप स्वस्थ रहना चाहतें है, विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित संभागी शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए साध्वी श्री डॉ मंगलप्रज्ञा जी ने कहा- प्रेक्षा प्रणेता आचार्य श्री महाप्रज्ञ द्वारा प्रदत्त प्रेक्षाध्याय आज विश्वश्यापी बन गया है। प्रेक्षाध्यान साधक इसकी साधना कर जीवन की धारा बदल रहे है। साध्वीश्री डॉ मंगलप्रज्ञाजी ने विषय से प्रतिपादित करते हुए कहा – स्वस्थ रहने के लिए सबसे प्रथम महत्त्वपूर्ण सूत्र है- व्यक्ति अपनी जीवन शैली को बदले । जीवन शैली व्यवस्थित बनाए।
श्रमण श्रेणी में की गई विदेश यात्राओं के अनुभव साझा करते हुए साध्वीश्री जी ने कहा – प्रेक्षाध्यान के प्रयोगों से अनेक लाखों-लाखों व्यक्तियों ने अपनी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक समस्याओं का समाधान पाया है।
उन्होंने कहा हमारी भारतीय जीवन शैली वैज्ञानिक रही है। ब्रहम बेला में जागरण, स्वास्थ्य प्रदायक है, सूर्योदय से पूर्व ९० मिनट का समय अमृतयाम का समय है। इस वक्त सेराटोनिन श्राव हीतर है जो व्यक्ति में शांति शक्ति और आनन्द का संचार करता है। शारीरिक मानसिक बदलाव के लिए आहार संयम की साधना भी जरुरी है। स्वस्थ शरीर मन को स्वस्थ रखने वाला है समय पर जागरण और शयन अनेक बिमारीयों सें निजात दिलाता है।
इस अवसर पर साध्वी श्रीजी ने आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी द्वारा लिखित तुम स्वस्थ रह सकते हो, वाङ्मय के स्वाध्याय की, और उसमें उल्लखित प्रयोगों को करनें की विशेष प्रेरणा दी, साध्वी श्री जी के कहा इस वर्ष में प्रेक्षाध्यान की कम से कम 50 कार्यशालाओं का आयोजन होना चाहिए।
हर व्यक्ति को कम से कम 15 मिनट का समय प्रतिदिन ध्यान साधना में लगाना चाहिए। अपनी भावी पीठी को संस्कारों की अति आवश्यकता है । शरीर पर अनुशासन जरुरी है, उससे भी अधिक जरुरत है- घर – परिवार में अनुशासन हों, घर के बच्चे किस दिशा की ओर जा रहे है, इस और भी ध्यान देते रहे। मोबाईल आदि का प्रयोग कम से कम हो । समय की मूल्यवत्ता को समझने का प्रयास हो । अपने संवेगों पर नियंत्रण रखनें का प्रयास होना चाहिए ।
साध्वी सुदर्शनप्रभा जी ने प्रेक्षा – गीत का संगान किया, साध्वी डॉ राजुलप्रभा जी ने आसन, प्राणायाम,कार्योंत्सग ध्यान आदि की जानकारी दी एवं प्रयोग करवाए। साध्वी श्री चैतन्य प्रभा जी ने मुद्धा विज्ञान एवं ध्वनि विज्ञान सें परिषद् को अवगत कराया।
साध्वीश्रीजी के सानिध्य में 17 मई 2024 को प्रातः आचार्य श्री महाश्रमण जी का जन्मोत्सव तेरापंथ भवन गोरेगांव में मनाया जायेगा ” आगामी 18 मई को बांगुड़ नगर में आचार्य श्री महाश्रमण जी का पट्टोत्सव मनाया जायेगा। सभी पदाधिकारी एवं पुरे समाज सें सराहनीय उपस्थिति रही ।
– विकास धाकड़
प्रेक्षाध्यान कार्यशाला स्वस्थता के लिए आवश्यक है,जीवन शैली में बदलाव: साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी
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