गदग। युवा मनीषी युवा तपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी की सु शिष्या साध्वी श्री पद्मावती जी के सानिध्य में हीरा विनोद जीरावला (कोप्पल) की 13 की तपस्या एवं उपासिका सारिका अशोक संकलेचा (गदग) के 9 की तपस्या का कार्यक्रम एवं अनुमोदना का कार्यक्रम हुआ। शासन श्री साध्वी श्री पद्मावती जी ने कहा निर्जरा के 12 प्रकार है उनमें एक है अनशन का अथार्त उपवास आदि तपस्या करना तप से मन का मेल दूर होता है जीवन उज्जवल एवं पवित्र बनता है तप से कर्म की प्रकम्पित होते हैं उनका धूनन होता है अंतराय कर्म के क्षयोपशम बिना तपस्या संभव नहीं है। बहन सारिका आयो हीरा ने तपस्या करके साबित कर दिया है कि काबिलियत रखते हो तो अंधेरे में भी चमका करो रोशनी में कांच भी चमका करते हैं! रोशनी में कांच भी चमका करतें हैं। साध्वी मयंक प्रभा तपस्या का सिर्फ एक ही लक्ष्य हो निर्जरा तपस्या हिम्मत से होती हैं इन दोनों तपस्वीयोंने दृढ संकल्प और दृढ मनोबल का परिचय है।
डॉक्टर साध्वी गवेषणा ने कहा तपस्या भाग्य की बहुत बड़ी गिफ्ट है, जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए मौसम नहीं मन चाहिए हर राह आसान हो जाएगी, बस उसे करने के लिए दृढ़ संकल्प चाहिए। साध्वी मेरु प्रभा आदि साध्वीयो ने सुमधुर सामूहिक गीतिका प्रस्तुत की कार्यक्रम की। शुरुआत साध्वी दक्षप्रभा के मंगलाचरण से हुई। सभा अध्यक्ष अमृतलाल जी कोठारी, तेरापंथ युवक परिषद के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र जीरावला, महिला मंडल की मंत्री विजेता भंसाली तपस्वी बहन की सुपुत्री प्रज्ञा सुपुत्र कीर्तन आस्था संकलेचा हिरयूर से भाई विकास बोकडिया, पीहू बोकडिया, ममता लुक्कड़, महिला मंडल की बहनो सीमा कोठारी, संतोष जीरावला, पिस्ता गांधी, पिंकी कोठारी कोप्पल से समागत मीडिया प्रभारी विनोद जी जीरावला आदि अनेक भाई बहनों ने सु मधुर गीतिका एवं विचारों से अपनी अभिव्यक्ति देखकर श्रीमती सारिका एवं हीरा की तपस्या की बहुत-बहुत अनुमोदना की।
सारिका संकलेचा का तपस्या का अभिनंदन तप के द्वारा अंगूर निगम के अध्यक्ष श्री कांतिलाल जी भंसाली व कीर्तन संकलेचा ने किया हीरा का अभिनंदन महिला मंडल की अध्यक्षा प्रेमलता बाई कोठारी एवं सुशीला बाई भंसाली ने किया।
गदग में निर्जरा का मान हेतु है तप
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