विक्रम चौरसिया (दिल्ली ब्यूरो) । विद्यार्थियों और शिक्षकों द्वारा एक अभियान के तहत सड़क पर विश्वविद्यालय चलाया गया, आइसा द्वारा इस अभियान को शुरू किया गया जिसमे विश्वविद्यालय सभी कॉलेज से विद्यार्थी शामिल हुए। आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (AISA) द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय को खोलने के लिए सड़क पे विश्वविद्यालय मुहिम शुरू किया गया। इस मुहिम में वक्ता थे – प्रो. लक्ष्मण यादव, प्रो. जितेन्द्र पृथ्वी मीणा।
इस अभियान में विश्वविद्यालय के सभी कॉलेज से विद्यार्थी शामिल हुए। और विश्वविद्यालय को संकेत दिए कि कैंपस जल्द से जल्द खोला जाए। प्रो. लक्ष्मण यादव ने कहा कि सरकार द्वारा छात्रों को डिजिटल विभाजन से भेद भाव कर रही है। देश के तमाम राज्यों में आदिवासी, दलित विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन और लैपटॉप तथा अन्य संसाधन नहीं है,जिसके कारण बहुत से छात्र क्लास नहीं ले पा रहे हैं। अतः सरकार और विश्ववद्यालय प्रशासन से आग्रह है कि अविलंब कैंपस को खोला जाए।
प्रो. जितेन्द्र मीणा ने कैंपस ना खोलने के पीछे कि साजिश को बताते हुए कहा कि सरकार शिक्षा को भी कॉरपोरेट के हवाले करना चाहती है। इस अभियान में शामिल छात्रों ने ऑनलाइन के अनुभवों को साझा किया। आरएलए के नेत्रहीन विद्यार्थी जयंत राघव ने pwd के समस्याओं को सामने रखा वहीं अरबिंदो कॉलेज से आयी गीतिका ने महिलाओं को ऑनलाइन क्लास लेने में कई प्रकार परेशानी को बताया।
यूनिवर्सिटी ऑन स्ट्रीट्स का समापन आईपीसीडब्ल्यू की श्रेया द्वारा पढ़ी गई सावित्री बाई फुले की कविता और समाज के सभी वर्गों के लिए मुफ्त शिक्षा के लिए संघर्ष करने के संकल्प के साथ हुआ। आइसा कैंपस खोलने को लेकर लगातार आंदोलन करने के साथ साथ छात्रहित के सभी मुद्दों को उठाया है इसी को लेकर प्रशासन को चेताया है कि यदि जल्द से जल्द कैंपस नहीं खुलता तो आंदोलन और तेज होगा।
स्टूडेंट एवं टीचर ने सड़क पर चलाए विश्वविद्यालय
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