नई दिल्ली:देश में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले सेक्टरों में से एक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के लिए सरकार एक और पैकेज जारी कर सकती है। सरकारी सूत्रो के मुताबिक, अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के लिए सरकार एमएसएमई को वेतन देने में मदद (सैलरी सपोर्ट) के तौर पर एक लाख करोड़ रुपये दे सकती है। इससे जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, अभी इसका मदद का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। जल्द ही इसकी मंजूरी कैबिनेट से मिलने की उम्मीद है।
इस पैकेज में सरकार अगले तीन साल तक एक न्यूनतम कर्मचारी संख्या वाले एमएसएमई को सैलरी सपोर्ट करेगी। इसके तहत एमएसएमई यूनिट्स को एक फंड दिया जाएगा, जिससे वे अपने कर्मचारियों को वेतन दे सकें। सरकार का कहना है कि एमएसएमई अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। कर्मचारियों को लगातार सैलरी मिलने से अर्थव्यवस्था में मांग पैदा होगी। यह कदम कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण सुस्त भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मददगार साबित हो सकती है।
चयन का आधार न्यूनतम कर्मचारी संख्या
सूत्रों के मुताबिक सैलरी सपोर्ट के लिए एमएसएमई का चयन न्यूनतम कर्मचारी संख्या पर निर्भर करेगी। इसके पीछे का गणित यह है कि बड़े आकार वाले एमएसएमई की वित्तीय स्थिति कोरोना संकट के बावजूद बहुत ज्यादा नहीं बिगड़ी है जितनी छोटे और मझोले साइज पर असर हुआ है। उनको बाहार से वित्तीय मदद मिलने की उम्मीद कम है। इसको देखते हुए छोटे एमएसएमई को पहले सहायता पहुंचाने की योजना है। उल्लेखनीय है कि सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। उस दौरान एमएसएमई सेक्टर के लिए तीन लाख करोड़ इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम लाया गया था।
बैंकों से 1.2 लाख करोड़ की राशि मिली
एमएसएमई को इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम ( ईसीएलजीएस के तहत) 1.2 लाख करोड़ रुपये को दिया जा चुका है। इसके साथ सरकार दिवालिया होने वाली एमएसएमई फर्मों को बचाने के लिए एक विशेष संकल्प योजना पर भी काम कर रही है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत इस योजना को अंतिम रूप दे रहा है। इसे जल्दी ही नोटिफाई किया जाएगा। नई योजना को आईबीसी की धारा 240ए के तहत नोटिफाई किया जाएगा।
कर्ज लेने में आने वाली अड़चनें दूर होंगी
एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा है कि भारत सरकार कोरोना संकट से जूझ रहे लघु उद्योगों की ऋण संबंधी समस्याओं से वाकिफ है और उनको दूर करने के लिए जल्द ही कदम उठाए जाएंगे। उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा पेश की गई 3 लाख करोड़ की योजना का लाभ लेने में जो दिक्कतें आ रही हैं उनके संबंध में वित्त मंत्री से बात हो चुकी है। बैंकों द्वारा डाली जा रही अड़चनों को दूर करने की दिशा में काम हो रहा है।
विश्व बैंक ने 5500 करोड़ दिया
विश्व बैंक ने एमएसएमई सेक्टर में काम करने वाले कारोबारियों के लिए लगभग 5500 करोड़ रुपये के पैकेज देगा। इसके तहत एमएसएमई सेक्टर के उद्यमियों और कारोबारियों को लोन और दूसरे आर्थिक सहायता पैकेज दिए जाएंगे। एमएसएमई को मिलने वाला यह पैकेज भारत को 2019-20 में वर्ल्ड बैंक की ओर से दिए जाने वाले वित्तीय पैकेज का हिस्सा है। इससे भी एमएसएमई को राहत मिलेगी।