नई दिल्ली:भारतीय महिला टी-20 टीम की कप्तान और विस्फोटक बल्लेबाज हरमनप्रीत कौर का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया के घरेलू टूनार्मेंट बिग बैश लीग में खेलने से उनकी मानसिकता में काफी बदलाव आया है। हरमनप्रीत भारतीय महिला टीम की पहली खिलाड़ी थी जिन्होंने इस टी-20 लीग में सिडनी थंडर की तरफ से हिस्सा लिया था। हरमनप्रीत का मानना है कि इसमें हिस्सा लेने से फिटनेस और ट्रेनिंग क्षमता के मापदंड में भी काफी बदलाव आया है।
हरमनप्रीत ने कहा, “बिग बैश में खेलने से काफी बदलाव आया है। मैं यह कह सकती हूं कि पहले की तुलना में मेरी मानसिकता में बड़ा बदलाव आया है। मुझे नहीं पता कि हम पहले क्यों अपनी सुविधा के हिसाब से खेलते थे और सुविधानुसार स्कोर करते थे। लेकिन बिग बैश ने मेरे अनुभव को पूरी तरह बदल दिया है।”
उन्होंने क्रिकबज से कहा, “मुझे वहां विभिन्न खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिलता है जिन्हें मैं जानती भी नहीं थी। इन खिलाड़ियों के साथ एक महीने से भी ज्यादा समय तक साथ रहना और खेलना होता है। हम पहले सिर्फ अपने खिलाड़ियों के साथ ही खेलते थे लेकिन वहां जाकर सुबह से शाम तक खेलना पड़ता है जिससे मैंने काफी कुछ सीखा है।”
हरमनप्रीत ने कहा, “हम भारत में समय को ज्यादा महत्व नहीं देते हैं कि हमें कब ट्रेनिंग करनी है और कब मैदान से बाहर जाना है। हम ऐसा नहीं करते हैं। लेकिन हम जब वहां जाते हैं तो सब चीजें करते हैं, वहां अलग प्रकार का दबाव होता है।”
अभ्यास सत्र को लेकर हरमनप्रीत ने कहा, “महज 15 मिनट में आपको सभी चीजें करनी होती है और इस दौरान ही आपको सभी तरह की ट्रेनिंग करनी होती है जिसकी आपको आवश्यकता है। इसलिए आपको उसका दबाव झेलना होता है और ट्रेनिंग करनी पड़ती है। ऑस्ट्रेलिया में एक दिन में ही आपको बल्लेबाजी, गेंदबाजी, फिटनेस और जिम करना होता जो हम आमतौर पर भारत में नहीं करते हैं।”
उन्होंने कहा, “भारत में जिस दिन आप बल्लेबाजी अभ्यास करते हैं उस दिन आप जिम नहीं कर सकते हैं, क्योंकि इससे आपको परेशानी हो सकती है। लेकिन बिग बैश में एक दिन में आप सभी तीनों काम कर सकते हैं जिससे मैं अगले दिन तरोताजा रहती हूं।”
हरमनप्रीत ने कहा, “ऐसा करने से मेरा दिमाग अलग तरीके से चलता है और मुझे लगता है कि मैं एक ही दिन में सबुकछ कर सकती हूं और इससे मैं सोचती हूं कि मैं क्यों कहती थी कि यह चीज अगले दिन करुंगी। लेकिन अब ऐसा नहीं है।”