मुंबई। छत्तीसगढ़ में चातुर्मास कर रहे आर्या चंद्रप्रभा एवं विद्याविनोदी जिनप्रभा के पावन सान्निध्य में मेवाड़ संघ मुंबई के अध्यक्ष किसनलाल परमार, कार्याध्यक्ष चौथमल सांखला के नेतृत्व में 47 भाई-बहनों का संघ महान आचार्य जयमलजी महाराज की 311वीं जयंती मनाने पहुंचा। स्थानक में महासतीवृंद की अगुवाई में शोभायात्रा कार्यक्रम स्थल तक पहुंची। महासतीवृंदों द्वारा मंगलाचरण, स्थानीय कन्यामंडल द्वारा स्वागत गीत पेश किया गया एवं स्थानीय अध्यक्ष द्वारा स्वागत भाषण किया गया।
महासती चंद्रप्रभा ने अपने ओजस्वी प्रवचन में आचार्य जयमल जी महाराज के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आचार्य जयमल जी स्थानकवासी परम्परा के महान आचार्य हुए साथ ही महासती ने कहा कि मेवाड़ संघ मुंबई की भक्ति समर्पण भावना, गुरुभक्ति एवं संस्कार को शब्दों में नहीं कहा जा सकता। मेवाड़ संघ मुंबई की भूरि-भूरि प्रशंसा की। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के सभी क्षेत्रों के अलावा मेवाड़ मोलेला, रायपुर, भिलाई के लोग उपस्थित थे। सभा का संचालन उप प्रमुख प्रकाश सांखला ने किया। महामंत्री रोशनलाल वडाला ने अपने भाषण में कहा कि महासतीजी द्वारा मेवाड़ व मुंबई मेवाड़ संघ में किए गए चातुर्मास सहित अनेक उपकार हैं। इन्होंने सिर्फ गुरु अम्बेश, सौभाग्य मुनि, प्रेमवती जी का नाम ही रोशन नहीं किया अपितु संपूर्ण छत्तीसगढ़ के श्रमण संघ की पताका फहराई और अम्बेश का नाम जन-जन तक पहुंचाया।
मेवाड़ संघ मंत्री रणजीत काकरेचा ने अपने ओजस्वी वक्तव्य में महासती को प्रेरणा का श्रोत बताते हुए उन मां-बाप को धन्य बताया जिन्होंने ऐसे महापुरुषों को जन्म दिया। ज्ञानप्रकाश योजना पाठशाला संयोजक पुखराज सोनी बिनोल ने आचार्य जयमल जी महाराज की स्थानकवासी समा का भेरूदण्ड बताते हुए कहा कि वो महान लेखक, वक्ता, चिंतक व घोर तपस्वी थे। रायपुर में विराजमान आचार्य विजयराज जी म.सा. की भी सभी ने दर्शन का लाभ लिया और वहां पुखराज सोनी ने स्वतंत्र व रणजीत सिंह काकरेचा ने वक्तव्य दिया। अन्य वक्ताओं में किसनलाल परमार, दिलीप नाबेड़ा, दिनेश राजावत, सुरेश कोठारी, सुरेश सोनी, राजकुमारी बोहरा, फूलचंद नाहर, बेबीबेन डागलिया ने अपने विचार व्यक्त किए। संपूर्ण मेवाड़ संघ व महिला मंडल द्वारा महासती जी के सांसारिक माता-पिता का अभिनंदन किया गया। मेवाड़ संघ व महिला मंडल के सभी महानुभावों को मोमेंटों देकर स्वागत किया गया। पूरे संघ ने धमतरी जाकर डेम का आनंद लिया और पारसनाथ मंदिर के दर्शन लिए। भाखरा संघ की सेवा सराहनीय रही। संघ में अध्यक्ष किसनलाल परमार, कार्याध्यक्ष चौथमल सांखला, महामंत्री रोशन वडाला, मेवाड़ भवन संरक्षक प्रकाश संखला, मेवाड़ भवन अध्यक्ष दिलीप नाबेड़ा के साथ ही सुरेश सोनी, रणजीत सिंह काकरेचा, रोशन बोहरा, पारस तातेड़, रितेश बडालमिया, बटी चंडालिया, प्रकाश चंडालिया, देवीलाल वडाला, पुखराज सोनी, दिनेश राजावत, रमेश बोहरा, सोहनलाल सिंयाल, सुंदरलाल सांखला, सुरेश कोठारी, फूलचंद नाहर, नंदलाल डागलिया, राजकुमार तातेड़ (आगमवाड़ी) के साथ ही महिला मंडल की अध्यक्ष राजकुमारी बोहरा, संतोषबेन सिंघवी, ललिता सोनी, बेबीबेन डागलिया, लाजवंती बेन वडाला, अंजना तातेड़, विजयलक्ष्मी चंडालिया, ममता वडाला, उगमबेन परमार, गीता बोहरा, लीला सांखला, पुष्पा कोठारी, मंजू सांखला, शांता कोठारी, पुष्पा सोनी, गुलाब पोखरणा, अनीता सांखला, साधना नाबेड़ा, वनिता वडालमिया, कमला बोहरा, भंवरीबाई सांखला, देऊबेन कोठारी उपस्थित थे। यह जानकारी मेवाड़ संघ मंत्री रणजीत सिंह काकरेचा व ज्ञानप्रकाश समिति पाठशाला संयोजक पुखराज सोनी बिनोल ने दी।
आचार्य जयमल जयंती मनाने छत्तीसगढ़ पहुंचा मेवाड़ संघ
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