शाहरुख खान ने बुधवार को भारतीय पैरालंपिक दल को पैरा एशियाई खेल 2018 के लिए बधाई देते हुए कहा कि हम सभी कहीं न कहीं अधूरे होते हैं और कमियों से लड़कर इस अधूरेपन को भरा जा सकता है।
राजधानी आये 52 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि लोगों को अपनी अपूर्णता को भरने के लिए अपनी कमजोरी से लड़ना होता है। उन्होंने खिलाड़ियों से कहा, ‘‘हम कहीं न कहीं अधूरे होते हैं। कभी शारीरिक मामले में, कभी हम मानसिक रूप से परिपक्व नहीं हो पाते। तो कभी भावनात्मक रूप से। हम सभी में कोई न कोई कमी होती है। कहा जाता है कि भगवान ने हमें उसकी तरह बनाया है लेकिन उसके जैसा नहीं।’’
शाहरुख ने कहा, ‘उन्होंने हमें दुनिया में भेजा ताकि हम अपनी कमियों से पार पाएं और अपने जीवन को पूरा करें। नौकरी, आर्थिक स्थिरता, स्टारडम और शक्ति हमें पूरा नहीं करती। हमें अपने अधूरेपन को पूरा करने के लिए अपनी कमियों से लड़ना होगा।’
हम सब कहीं न कहीं अधूरे हैं: शाहरुख

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