ठाणे। साध्वी श्री अणिमाश्रीजी एवं साध्वी श्री मंगलप्रज्ञाजी के सानिध्य में सिद्धि-तप साधिका मैत्रीप्रभाजी एवं कंठी-तप साधिका साध्वी सुधाप्रभाजी का तप-अनुमोदना का संघ प्रभावक कार्यक्रम ठाणा तेरापंथ भवन के विशाल प्रांगण में समायोजित हुआ। विशाल परिषद ने श्रहास्वरों के साथ तप अनुमोदना करते हुए साध्वीद्धंय संकल्पो की सौगात समर्पित की।
साध्वी श्री अणिमाश्रीजी ने अपने वातसल्यसंभृत उद्गारों के साथ तप-अनुमोदना करते हुए कहा तपस्या आत्म साछात्कार की दिशा में उठा एक अनूठा कदम है। सत्यं-शिवं-सुंदरम का सोपान है तपस्या। कर्म बंधनो को सिथिल करने का महान अनुष्ठान है तपस्या। चातुर्मास में हजारों-हजारों तपस्या के भव्य रथ पर आरूढ़ होकर कर्म-निर्जरा करते है। हमारी साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने सिद्धि-तप एवं साध्वी सुधापरभाजी ने कंठी-तप क्र संघ की नीवों को मजबूती प्रदान की है। साध्वी मैत्रीप्रभाजी जी हमारे वर्ग की सबसे छोटी साध्वी है, किन्तु मोती तपस्या क्र बड़ी बन गई है। तप के प्रति इनका बेहद लगाव है। साध्वी सुधाप्रभाजी दॄढ़ संकल्प की धनि है। दुबली-पतली काया पर जो सोचा वह कर दिखाया। ये कर्मठ, श्रमशील है। दोनों साध्वियों के तप के प्रति हार्दिक मंगलकामना।
साध्वी मंगलप्रज्ञाजी ने अपने दिली उद्गार को वयक्त करते हुए कहा अन्त्शलय को निकालकर व्यक्ति आत्मिक शांति के महापथ पर गतिमान होता है। साध्वी मातृपरभजी ने तो तप से मैत्री कर रखी है। तैंतालिश दिन में सिर्फ सात दिन आहार किया है। इनका वोकल कोड बड़ा तेज है। तपस्या में वो भी थोड़ा शिथिल हुआ है। गजब का मनोबल है इनका। साध्वी सुधाप्रभाजी ने कंठी-तप किया है। ये प्रतिभा संपन्न साध्वी है। बचपन से ही प्रतिभा की धनि है। दोनों साध्वियों की तप रूचि अभिवृहित रहे, यही भावना है।
साध्वी सुधाप्रभाजी ने अपने हृदयोद्गार व्यक्त करते हुए कहा मेरा यह तप पूज्यप्रवर एवं महाश्रमणीवरा के दिव्य आशीर्वाद एवं ऊर्जा से ही हुआ है। साध्वी श्री अणिमाश्रीजी की साधनामय शक्ति एवं साध्वी मंगलप्रज्ञाजी के अनिर्वचनीय वातसल्य एवं साध्वी कर्णिकाश्रीजी व् साध्वी मैत्रीप्रभाजी एवं साध्वी समत्वयशाजी के सहयोग से हुआ है।
साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने उल्ल्सित भावों की अभिव्यक्ति देते हुए कहा परम श्रद्धेय गुरुदेव एवं श्रद्धेय महाश्रमणजी की कृपा से मेरा सिद्धि-तप सिद्ध हुआ है। मैंने तो सिद्धि-तप का सपना भी नहीं लिया था। यह सपना साध्वी श्री अणिमाश्रीजी ने लिया था और उन्होंने ही पूरा किया है। उनकी दिव्य ऊर्जा मेरे रोम-रोम को ऊर्जामय बना देती है। मैं बहुत सौभाग्यशाली हु की मुझे साध्वी अणिमाश्रीजी मंगलप्रज्ञाजी जैसे आगीवान मिले है। हर दृष्टी से आपने मेरा विकास करवाया है। आज मैं इस परिषद् में उपशम कषाय की साधना का संकल्प स्वीकार कर जीवन को नइ दिशा देना चाहती हूँ।
साध्वी कर्णिकाश्रीजी व् साध्वी समत्वशाजी ने दोनों साध्वियों के तप के प्रति हार्दिक प्रमोद भावना की अभिव्यक्ति दी। साध्वी समत्वशाजी ने साध्वी सुधाप्रभाजी को श्लोकों का हार एवं साध्वी मैत्रीप्रभाजी को गीतों का अष्ट सोपान कलाकृति के माध्यम से भेंट किया।
साध्वी श्री अणिमाश्रीजी ने साध्वी मंगलप्रज्ञाजी, साध्वी कर्णिकाश्रीजी व् साध्वी समत्वयशाजी के साथ दोनों साध्वियों को स्वरचित कविता के साथ उपहार भेंट किया। जिसे देखकर परिषद हर्षविभोर एवं गदगद हो गई।
तपस्वी साध्वियों की तप अनुमोदना में अनेक संदेश प्राप्त हुए। श्रद्धेय महाश्रमणिवरा के सन्देश का वचन सिरियारी संस्थान के मंत्री निर्मल श्रीश्रीमाल एवं मुंबई सभा के मंत्री श्री विजय पटवारी ने किया। प्रोफेसर मुनिश्री महेंद्रकुमार जी एवं शाशन सज्री साध्वी सोमलताजी के संदेश का वचन सभा मंत्री जितेंद्र बरलोटा ने किया। शाशनश्री साध्वी श्री कैलाशवतीजी, ललिता श्रीजी, पंकजश्रीजी के संदेश का वाचन श्वेता सुराणा ने किया। तपस्वी मुनिश्री अजितकुमारजी रचित गीत का संगान धनराज भटेवरा, अशोक इंटोदिया व् जितेंद्र बरलोटा ने किया। मुनिश्री अभिजीतकुमारजी के संदेश का वाचन कांदिवली तेयुप अध्यक्ष अशोक कोठरी ने किया। जलगांव विराजित साध्वी निर्वाणश्रीजी व साध्वी योगक्षेमप्रभाजी द्वारा रचित गीत को पी. पी. टी द्वारा बताया गया।
मुंबई सभाध्यक्ष नरेंद्र तातेड़, पूर्व अध्यक्ष भंवरलालजी कर्णावट, ठाणा सभाध्यक्ष देवीलाल, मु. म. म की अध्यक्षता भाग्य कच्छारा, पूर्व अध्यक्षा जयश्री बडाला, प्रेमलता सिसोदिया, महावीर डेलढीया, दिशांत डेलढीया, माणक देवी छाजेड़, संदीप रांका, प्रतिभा चौपड़ा, कुलदीप चौपड़ा, कुलदीप बैद, अमराव देवी सेढ़िया, विमला बरलोटा, रमिला बडाला, सह संयोजिका नीलम सेठिया, मुलुंड सभाध्यक्ष राकेश टूकलिया, कल्याण मित्र कैलाश गोयल ने अपने श्रद्धा सिक्त उद्गारों के साथ साध्वी वृन्द के प्रति तप अनुमोदना की। सुमन ढेलडिया, ममता ढ़ेलडिया, शोभना बोकाडिया एवं सुमित्रा ढ़ेलडिया ने गीत का संगान किया। अंकित ढ़ेलडिया समणी भक्तिप्रज्ञाजी के सन्देश का वाचन किया।
कमलेश दुग्गड़, नरेश बाफना, निर्मल ओस्तवाल, अमृत श्रीश्रीमाल, कमलेश नौलखा, कमलेश चंडालिया, गौतम नौलखा ने गीत का संगान किया। काजल गोखरू, राशि श्रीश्रीमाल, विश्व बरलोटा, श्रद्धा कोठारी, जिनल बडाला, रिया राठौड़, पायल पुनमिया, शुभांगी ढ़ेलडिया, जयश्री श्रीश्रीमाल, दिशा श्रीश्रीमाल, विनीता मेहता एवं रश्मि कोठारी कन्यामंडल ने भावपूर्ण गीत की प्रस्तुति दी। प्रिया श्रीश्रीमाल उषा बाफना, दीपमाला सिंघवी, भारत सिंघवी, भारती ओस्तवाल, मीनाक्षी जैन, ने महिलामंडल ठाणे की तरफ से नाटिका व् गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का कुशल संचालन सभा के मंत्री जितेंद्र बरलोटा ने किया।
साध्वी मैत्रीप्रभाजी व साध्वी सुधाप्रभाजी का तप अभ्यर्थना कार्यक्रम
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