सास बहू के तालमेल में छिपा है सुखी परिवार का राज- मुनिश्री जिनेश कुमार जी
पालघर। महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी ठाणा 2 के सान्निध्य में “सुखी सास-बहू सुखी घर परिवार” विषय पर सास-बहू प्रशिक्षण शिविर का आयोजन तेरापंथ महिला मंडल द्वारा तेरापंथ भवन में किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में पालघर की नगराध्यक्ष्या श्रीमती उज्वला जी काले, मुख्य व्यक्ता के रूप में एडवोकेट श्रीमती स्मिता जी कुचेरिया (शाहदा) थे।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित सास – बहू को संबोधित करते हुए मुनिश्री जिनेश कुमार जी ने कहा रिश्तो की दुनिया में एक महत्वपूर्ण रिश्ता है सास बहू का सास बहू में तालमेल हर युग का मुद्दा रहा है। इनमें परस्पर तालमेल परिवार को स्वर्गीय सुखों से सराबोर कर देता है। सास बहू में पटरी तभी बैठ सकती है जब सास बहू को बेटी और बहू सास को मां समझेगी। बहू का दायित्व है वह सांस का उचित सम्मान करें उनके स्वभाव कार्यशैली के साथ सामंजस्य बिठाए सास का दायित्व है कि वह बहू को प्रोत्साहित करें व्यक्तिगत जीवन में दखल ना दें। मुनिश्री जी ने आगे कहा वर्तमान युग में पति-पत्नी में गुण मिलाने के बजाय सास बहू के गुण मिलाने चाहिए। जहां उनका अधिकार, आग्रह, अविश्वास व असंयम का कुहासा छाया रहा है वहा प्रेम का सूर्य प्रकट नहीं हो सकता। स्नेह , सामंजस्य, सहिष्णुता, मधुरवाणी, समन्वय, प्रमोद भावना आदि गुणों के विकास से आदर्श सास बहू बना जा सकता है।
मुनिश्री परमानंद जी ने कहा वर्तमान युग प्रशिक्षण का युग है। सास बहू को भी रिश्तों का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। जिससे घर परिवार में सुख शांति स्थापित हो सके।
मुख्य वक्ता स्मिता जी कुचेरिया ने प्रभावी प्रशिक्षण देते हुए कहा सास और बहू का रिश्ता साझेदारी और समझदारी का है। जो सहेगा वही परिवार में रहेगा और जो नहीं सहेगा परिवार से बिखर जाएगा। स्त्री समझदार तो बिखरते परिवार सुलझ जाते हैं। अगर स्त्री अड़ियल तो सुलझे हुए परिवार भी बिखर जाते हैं।
मुख्य अतिथि नागराध्यक्ष्या उज्वाला जी काले ने कहा सास बहू का रिश्ता महत्वपूर्ण है। इसमें अहंकार बीच में नहीं आए तो परिवार खुशियों से महक उठता है। कार्यक्रम का शुभारंभ सास बहू की जोड़ी अनोखा बाई व संगम बदामिया के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण तेरापंथ महिला मंडल के अध्यक्ष्या संगीता जी बाफना ने किया। महिला मंडल की बहनों ने सास बहू पर प्रेरणादाई परिसंवाद प्रस्तुत किया । आभार ज्ञापन मंत्री विद्या बाफना व संचालन निधि सिंघवी ने किया। अतिथियों का साहित्य द्वारा सम्मान किया गया। शिविर में लगभग 200 सास – बहुओं ने हिस्सा लिया। शिविर में स्थानीय जैन समाज, सफाला, दहानू, वानगांव व बोईसर की अच्छी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में तेरापंथ महिला मंडल की बहनों का सराहनीय योगदान रहा। यह जानकारी दिनेश राठौड़ ने दी।