नई दिल्ली:आईएनएक्स मीडिया मामले में आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को गुरुवार को सीबीआई अदालत के समक्ष पेश किया गया। इंद्राणी ने अदालत के सामने अपना गुनाह कबूलते हुए माफीनामे को स्वीकार करने का आग्रह किया। जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया। इस मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम व उनके बेटे कार्ति चिदंबरम समेत अन्य जांच का सामना कर रहे हैं।
राउज एवेन्यू स्थित विशेष सीबीआई न्यायाधीश अरुण भारद्वाज की अदालत को इंद्राणी मुखर्जी ने आश्वस्त किया कि वह अपने बयान महत्वपूर्ण तथ्यों व सच्चाई के साथ दर्ज कराएंगी। इस मामले में इंद्राणी सरकारी गवाह बन गई है। इस महीने की शुरुआत में अदालत ने मुखर्जी की सरकारी गवाह बनने की याचिका को स्वीकार कर लिया था। हालांकि इंद्राणी मुखर्जी की इस मामले में पेशी गुरुवार को हुई। इसलिए औपचारिक रूप से सरकारी गवाह बनने व इंद्राणी के माफीनामे को मंजूर करने की प्रक्रिया पूरी की गई।
इस प्रक्रिया के पूरा होते ही अब इंद्राणी इस मामले में आरोपी की बजाय गवाह बन गई हैं। इंद्राणी ने अदालत में कहा कि वह बिना किसी भय या दबाव के अपनी मर्जी से इस मामले में सरकारी गवाह बन रही हैं। वहीं, सीबीआई का भी कहना था कि इंद्राणी के सरकारी गवाह बनने से कई अहम तथ्य व जानकारियां सामने आएंगी। सीबीआई का यह भी कहना था कि इंद्राणी के इस मामले में गवाह बनने से यह मुकदमा मजबूत बनेगा।
पेश मामले में 15 मई, 2017 को सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी। इस प्राथमिकी में तात्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2007 में 305 करोड़ रुपये के विदेशी फंड प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में अनियमितता का आरोप लगाया गया था।
इस प्राथमिकी के आधार पर ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ धन शोधन मामला दर्ज किया था। बीती तीन फरवरी को केंद्रीय कानून मंत्रालय ने सीबीआई को मामले के सिलसिले में पी. चिदंबरम के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी। इस मामले में कार्ति चिदंबरम की भी अहम भूमिका बताई जा रही है।