माले: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पहले दौरे पर मालदीव पहुंच गए हैं। पीएम मोदी का माले हवाई अड्डे पर विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने स्वागत किया। दूसरे कार्यकाल के दौरान पड़ोसी देश की इस यात्रा का मकसद हिंद महासागर द्वीपसमूह के साथ संबंधों को और मजबूत करना है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव की संसद पीपुल्स मजलिस में पहुंचे। कुछ ही देर में वो यहां की संसद को संबोधित कर रहें हैं।
– पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास को और हमारे नागरिकों को हमसे अपेक्षा है कि हम ये अवसर जाने नहीं देंगे।इनका पूरा लाभ उठायेंगे। इस प्रयास में पूरा-पूरा सहयोग करने के लिए और मालदीव के साथ अपनी अनमोल मैत्री को और गहन करने के लिए भारत दृढ़ प्रतिज्ञ है।
– पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने अपनी उपलब्धियों को हमेशा विश्व के साथ साझा किया है। भारत का विकास साझेदारी लोगों को सशक्त करने के लिए है। उन्हें कमजोर करने के लिए नहीं और न ही हम पर उनकी निर्भरता बढ़ाने के लिए या भावी पीढ़ियों के कंधों पर कर्ज का असंभव बोझ डालने के लिए है।
– इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हम सामुद्रिक पड़ोसी हैं। हम मित्र हैं और दोस्तों में कोई छोटा और बड़ा, कमज़ोर और ताकतवर नहीं होता। शांत और समृद्ध पड़ोस की नींव भरोसे, सद्भावना और सहयोग पर टिकी होती है।
– भारत की सुरक्षा पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपनी शक्ति और क्षमताओं का उपयोग केवल अपनी समृद्धि और सुरक्षा के लिए ही नहीं करेगा। बल्कि इस क्षेत्र के अन्य देशों की क्षमता के विकास में, आपदाओं में उनकी सहायता के लिए तथा सभी देशों की साझा सुरक्षा, संपन्नता और उज्ज्वल भविष्य के लिए करेगा।
– पीएम मोदी ने कहा कि यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि लोग अभी भी अच्छे आंतकवाद और बुरे आतंकवाद का भेद करने की गलती कर रहे हैं। पानी अब सिर से ऊपर निकल रहा है। आतंकवाद और कट्टरता से निपटना विश्व के नेतृत्व की सबसे खरी कसौटी है।
– मोदी ने कहा कि आतंकवाद हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौती है। आतंकवादियों के न तो अपने बैंक होते हैं और ना ही हथियारों की फैक्ट्री, फिर भी उन्हें धन और हथियारों की कभी कमी नहीं होती है। आतंकवाद की स्टेट स्पॉन्शरशिप सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है।
– मोदी ने कहा कि मालदीव में स्वतंत्रता, लोकतंत्र, खुशहाली और शांति के संबंध में भारत मालदीव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा है।
– मैं उन सभी उपायों को विशेष महत्व देता हूँ जिनसे लोगों से लोगों का आदान-प्रदान को बढ़ावा मिले। मुझे विशेष खुशी है कि हमने आज दोनों देशों के बीच ferry service पर समझौता किया है।
– संसद के संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मालदीव के संबंध इतिहास से भी पुराने हैं। सागर की लहरें हम दोनों देशों के तटों को पखार रही हैं। ये लहरें हमारे लोगों के बीच मित्रता का संदेश-वाहक रही हैं। हमारी संस्कृति इन तरंगों की शक्ति लेकर फली-फूली हैं।
– संसद में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत हर हाल में मालदीव के साथ खड़ा है।
– मालदीव की संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मालदीव में विकास के रास्ते खुले हैं।