नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रॉबर्ट वाड्रा की अग्रिम जमानत रद्द करवाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। सोमवार को इस पर सुनवाई होगी। दरअसल, मनी लॉड्रिंग मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने वाड्रा को एक अप्रैल को सशर्त अग्रिम जमानत दे दी थी। इसमें वाड्रा को बिना इजाजत देश से बाहर न जाने और जांच में सहयोग करने का आदेश दिया गया था।
कोर्ट ने वाड्रा और स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के कर्मचारी मनोज अरोड़ा को पांच लाख रुपए का बेल बॉन्ड भरने को कहा था। अरोड़ा को मनीलॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाया गया है। ईडी के वकील डीपी सिंह ने कहा है कि वाड्रा को मिली सुरक्षा जांच में आड़े आ रही है। यह निष्पक्ष जांच के लिए ठीक नहीं है। हालांकि वाड्रा पहले ही इन तमाम आरोपों को राजनीति से प्रेरित बता चुके हैं।
वाड्रा पर धन लगाने का आरोप: ईडी
ईडी ने वाड्रा पर लंदन के 12 ब्रिंस्टन स्क्वायर में 10 लाख 90 हजार पाउंड की लागत से खरीदी गई संपत्ति में धन लगाने का आरोप है। इस संपत्ति का मालिक वाड्रा को बताया जाता है। ऐसा आरोप है कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी के कर्मचारी मनोज अरोड़ा की इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ईडी के दावे के मुताबिक अरोड़ा के पास वाड्रा की इस अघोषित संपत्ति को लेकर पूरी जानकारी है। इसको लेकर धन एकत्र करने में भी उसने अहम भूमिका निभाई।
ईडी ने की थी जांच, जब्त किए थे दस्तावेज
एजेंसी ने 7-8 दिसंबर को वाड्रा के दफ्तर में छानबीन की थी। इस दौरान 20 हजार पेजों के दस्तावेज जब्त किए गए थे। इसके बाद वाड्रा ने 1 फरवरी को अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दिया था, जिस पर 6 फरवरी को उन्हें जांच के लिए उपस्थित रहने को कहा गया था। ईडी का कहना था कि वाड्रा से पूछताछ करने के लिए उन्हें कस्टडी में लेना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो सबूतों के साथ छेड़छाड़ किए जाने की आशंका है।
ईडी ने याचिका में कहा- रॉबर्ट वाड्रा की अग्रिम जमानत रद्द हो
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