- बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे आचार्य श्री तुलसी – मुनिश्री जिनेश कुमार जी
टांलीगंज ( कोलकाता)। युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी ठाणा – 3 के सान्निध्य में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन में आचार्य श्री तुलसी का 27 वाँ महाप्रयाण दिवस विसर्जन दिवस के रूप में डायमण्ड सिटी क्लब हाऊस में तेरापंथ महिला मंडल टॉलीगंज द्वारा आयोजित किया गया। जिसका विषय था – अनासक्त चेतना का विकास- विसर्जन का प्रयास। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा जैन परम्परा में अनेक महान और प्रभावक आचार्य हुए हैं- जिन्होंने अपने अप्रतिम ज्ञान, अनूठी प्रतिभा एवं युगप्रधान व्यक्तित्व से जैन धर्म और जैन संस्कृति को नई ऊंचाईयां प्रदान की। उन्हीं प्रभावक आचार्यों की श्रृंखला में एक स्वर्णिम नाम है-आचार्य श्री तुलसी का। आचार्य श्री तुलसी बीसवीं सदी के महान चिन्तक, विचारक, समाज सुधारक एवं नैतिक क्रांति के जन्मदाता थे । वे आत्मद्रष्टा, क्रांतद्रष्टा, युगद्रष्टा, युगस्रष्टा, सत्यद्रष्टा व मंत्रद्रष्टा थे। नव सृजन उनके जीवन का प्रमुख उद्देश्य था। वे महान अध्यात्म योगी, विलक्षण प्रतिभा सम्पन्न साहित्य स्रष्टा कवि थे । उनकी रचनाओं में गांभीर्य था। उनका व्यक्तित्व बहुआयामी था। उन्होने नारी जागरण, नया मोड़, अणुव्रत आंदोलन जैसे जनकल्याणकारी कार्य किये। आज उनके 27 वें महाप्रयाण दिवस पर उनका सश्रद्धा स्मरण करते हुए कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। उनका महाप्रयाण दिवस धर्मसंघ में विसर्जन दिवस के रूप में मनाया जाता है। विसर्जन का अर्थ है छोड़ना। विसर्जन का अर्थ है- अनासक्त चेतना का विकास। विसर्जन से व्यक्ति तनाव मुक्ति व आत्म शांति को प्राप्त होता है । विसर्जन सिर्फ धन का ही नहीं होता है विसर्जन समय का विचारों का पद का, क्रोध, मान, माया, लोभ का असत् प्रवत्तियो का पदार्थों का भी होता है। आचार्य श्री तुलसी ने आचार्य पद का विसर्जन कर अनासक्त चेतना का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया। उनसे प्रेरणा प्राप्त कर आज के दिन विसर्जन के प्रति जागरुक बनें।
बाल मुनिश्री कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत संगान किया।कार्यक्रम का शुभारंभ मुनि श्री जिनेश कुमार जी के द्वारा नमस्कार महामंत्रोच्चार से हुआ। मंगलाचरण तेरापंथ महिला मंडल टॉलीगंज की बहनो ने तुलसी अष्टकम् से किया। जप एवं विसर्जन चेतना के जागरण का प्रयोग संतवृंद द्वारा करवाया गया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की बंगाल प्रभारी श्रीमती सोनम बागरेचा, अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के सहमंत्री अनंत बागरेचा, तेरापंथ महिला मंडल टॉलीगंज की अध्यक्षा श्रीमती स्नेहलता पुगलिया, टॉलीगंज श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अशोक जी पारख, ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर सरला भुतोडिया एवं सभा सदस्यों द्वारा इस गीत का संगान किया गया।
कार्यक्रम का संचालन मुनिश्री परमानंद ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथी सभा, तेरापंथ युवक परिषद के कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।