कोलकाता। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान पूर्वांचल (कोलकाता) महिला मंडल द्वारा आयोजित “जैन धर्मोस्तु मंगलं” कार्यशाला का प्रारंभ मुनि श्री जिनेश कुमार जी द्वारा नमस्कार महामंत्र से EZCC ऑडिटोरियम साल्टलेक में हो गया है। गुरु को समर्पित संस्कृत गीत का सुमधुर संगान भी हो गया है।
कार्यक्रम में अभातेममं की राष्ट्रीय अध्यक्षा, संरक्षिका गण, ट्रस्टीगण, पदाधिकारी गण , कार्यकारिणी सदस्यगण , श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा के केंद्रीय पदाधिकारीगण, अभातेयुप के केंद्रीय पदाधिकारीगण, कोलकाता क्षेत्र एवं उपनगरीय सभाओं तेयुप, महिला मंडल एवं टीपीएफ के अध्यक्ष, मंत्री की गरिमामई उपस्थिति है।
कार्यक्रम में तत्वज्ञान में रुचि रखने वाले भाई-बहनों को विशेष रूप से आमंत्रित किया है जिसमें जैन धर्म के दूसरे संप्रदायों के सदस्य भी शामिल हैं ।चीफ ट्रस्टी श्रीमती पुष्पा जी बेंगानी ने तत्वज्ञान पाठ्य क्रम से जुड़ने के लिए परिषद को प्रेरित किया और “जियो और जीने दो” का तेरापंथ धर्म संघ के अनुसार अर्थ समझाया। राष्ट्रीय अध्यक्षा नीलम जी सेठिया ने अपने प्रबल वक्तव्य में इस कार्यक्रम के उद्देश्य को उल्लेखित करते हुए कहा कि तत्व ज्ञान को सरलता से प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तत्वज्ञों को नई विधियां अपनाकर धर्म का प्रचार करना चाहिए । साथ ही साथ विज्ञान और भूगोल के परिपेक्ष्य में भी जैन धर्म को जोड़ना चाहिए। इस कार्यक्रम की मुख्य वक्ता राजुल जी मणोत ने अनेकांत का दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि जैन दर्शन से हमें आन्तरिक ज्ञान प्राप्त होता है। राजूल जी मणोत इस कार्यक्रम के लिए दिल्ली से पधारे हैं और अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की एसोसिएट मेंबर है।
यह कार्यक्रम बड़े ही सुचारू रूप से गतिमान है।प्रमुख वक्ता डॉ जगत राम भट्टाचार्य ने अपने प्रभावी वक्तव्य में आचार शास्त्र पर ज़ोर देते हुए कहा कि महाव्रत का पालन ना कर सके तो अणुव्रत का पालन अवश्य करें। उन्होंने श्रावक के कर्तव्यों की भी विवेचना की।ज्ञातव्य है कि डॉ जगत राम भट्टाचार्य ,संस्कृत और प्राकृत के विशिष्ट विद्वान हैं के परिग्रह अधर्म का मूल है और धर्म का महत्व सांसों से अधिक है ,जीने के लिए । उन्होंने कहा कि जैन धर्म जातिवाद पर विश्वास नहीं करता , इसलिए व्यक्ति की नहीं, गुण की पूजा की जाती है। अभी भी इसका सीधा प्रसारण अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल फेसबुक पर चल रहा है।
कोलकाता में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा “जैन धर्मोस्तु मंगलं” कार्यशाला का आयोजन
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