बालोतरा। आचार्य महाश्रमण मार्ग न्यू तेरापंथ भवन में युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि मोहजीत कुमारजी के सान्निध्य में ज्ञानशाला का वार्षिकोत्सव मनाया गया। सर्व प्रथम बच्चों द्वारा अर्हम अर्हम की वंदना गीत द्वारा मंगलाचरण किया गया। ज्ञानशाला संयोजक राजेशजी बाफना ने स्वागत भाषण व ज्ञानशाला के बारे में बताया।
गणाधिपति पूज्य आचार्य श्री तुलसी ने संघ को बहुत अवदान दिये व मानव जीवन का मार्ग दर्शन कर उनका कल्याण हो ऐसा कार्य किया उसमे एक कार्य छोटे छोटे बच्चों में सुसंस्कार आये।व उनका जीवन अच्छा बने उनके लिए ज्ञानशाला का उपक्रम शुरू किया। जो पुरे भारत में चल रहा है। एक बालोतरा ही ऐसा क्षेत्र है जिसमे 365 दिन प्रतिदिन ज्ञानशाला चलती है। जिसमे बच्चों को आध्यात्मिक,व्यवहारिक, संस्कारी ज्ञान का बोध कराया जाता है। जिसमे छोटी उम्र के बच्चों में सुसंस्कार आये वह अपने जीवन को सही दिशा दे सके। ओर परिवार समाज व देश का नाम रोशन करते हुए उन्नति प्रगति कर सके।
मुनिश्री मोहजीत कुमारजी प्रेरणा पाथेय में फरमाया की 55 वर्ष पहले तेरापंथ के नवमे आचार्य श्री तुलसी ने आने वाले समय मे भावी पीढ़ी के बारे में सोचा कि आने वाले भविष्य में उनके संस्कार व व्यवहार सुदृढ़ कैसे बने रहे। उसके लिए ज्ञानशाला द्वारा उनका भविष्य अच्छा रह सकता है आज वह वट वृक्ष जैसा बना है व वर्तमान में आचार्य श्री महाश्रमण जी इसका चिन्तन कर रहे है इन प्रशिक्षकों द्वारा प्रतिदिन आध्यात्मिक व व्यवहारिक ज्ञान के साथ संस्कारो बोध दिया जाता है कैसे रहना बैठना उठना खाना व बात करना आदि बताया जाता है।
ज्ञानशाला बच्चों के द्वारा आज के युग व संस्कारों से तहत मोनो एक्ट,योगा, डांस व प्रशिक्षकों द्वारा गीत की प्रस्तुति दी गयी।वार्षिकोत्सव कार्यक्रम पर मुनि गजसुकुमाल परिसंवाद पर आधारित रोचक प्रस्तुति दी गयी।
ज्ञानार्थी बच्चे जान्हवी श्रीश्रीमाल व ज्ञान तलेसरा ने अपने ज्ञानशाला में जुड़ने के अनुभव प्रस्तुत किये।
ज्ञानशाला संयोजक राजेश जी बाफना ने सभी अतिथियों का स्वागत अभिनंदन किया और बताया की बालोतरा में 190 ज्ञानशाला ज्ञानार्थी बच्चे अध्यन कर रहे है। व 6 जगह पर ज्ञानशाला का तेरापंथ सभा द्वारा संचालन हो रहा है जिसमे केंद्र मान्यता द्वारा 30 प्रशिक्षकों द्वारा अध्ययन कराया जा रहा है
अभातेममं सदस्य व ज्ञानशाला प्रशिक्षिका सारिकाजी वागरेचा , गीता देवी गाँधीमेहता व नीतू कांकरिया ने अपने अनुभव रखे।
ओसवाल समाज अध्यक्ष शांतिलालजी डागा महासभा कार्यसमिति सदस्य जोधपुर संभाग प्रभारी गौतम जी सालेचा, ज्ञानशाल मारवाड़ आंचलिक सहसंयोजक पवनजी छाजेड़ सिवांची मालाणी क्षेत्रीय तेरापंथ संस्था अध्यक्ष डुंगरचंदजी सालेचा तेरापंथ सभा अध्यक्ष धनराजजी ओस्तवाल ने ज्ञानशाला के बारे में अपने अपने विचारो की प्रस्तुति दी।
तेयुप अध्यक्ष संदीपजी ओस्तवाल, महिला मंडल अध्यक्षा निर्मलाजी संकेलचा अणुव्रत समिति अध्यक्ष जवेरीलालजी सालेचा, अणुव्रत सेवी ओमप्रकाशजी बांठिया,पारलू सभा अध्यक्ष रमेशजी वागरेचा व सभा,तेयुप महिला मंडल के पदाधिकारी, किशोर मंडल संयोजक आदित्य भंसाली व पीयूष बालड़ व कन्या मंडल संयोजीका साक्षी वेद मेहताव मनीषा ओस्तवाल ओर उनके सदस्य व सैकड़ो सैकड़ो लोगो की उपस्थिति थी।
इस कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय ज्ञानशाल प्रकोष्ठ द्वारा पूरे भारत मे श्रेष्ठ ज्ञानार्थी का पुरस्कार 2018 का मोक्षित रोशनजी वागरेचा व 2020 का पीयूष माणकजी बालड़ को दिया गया था व 2018 प्रतिक्रमण व पच्चीस बोल में तृतीय स्थान पर रही प्रीशा सालेचा को पुरस्कार से सम्मानित किया गया। संचालन उर्मिलाजी सालेचा व संगीताजी बोथरा ने किया। निर्मलाजी संकेलचा द्वारा सभी के प्रति आभार प्रकट किया।
बालोतरा में ज्ञानशाला का वार्षिकोत्सव मनाया गया
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