फतहनगर। स्थानीय तेरापंथ भवन में पर्यूषण महापर्व दिनांक 24/8/22 से 31/8/22 तक उपासिकाजी श्रीमती विमलाजी दुग्गड व अनिताजी हिंगड के सानिध्य में आठ दिवसीय कार्यक्रम मनाया जा रहा है ।
अध्यक्ष चेतन खाब्या ने जानकारी देते हुए बताया कीपाँचवा दिवस अणुव्रत दिवस के रूप में मनाया गया ।जिसमें उपासिकाजी ने बताया कि तेरापंथ के नवम आचार्य श्री तुलसी ने 1949 में अणुव्रत आंदोलन का सूत्रपात किया । छोटे छोटे संकल्प ग्रहण कर व्यक्ति अणुव्रती बन सकता हे । अणुव्रती कोई भी व्यक्ति बन सकता हे । अणुव्रती बनने के लिए तेरापंथी बनना ज़रूरी नहीं है।
बताया गया कि व्यक्ति को धार्मिक बनने से पहले नैतिक व प्रामाणिक बनना ज़रूरी हे । आचार्य तुलसीका घोष था की “ सुधरें व्यक्ति , समाज व्यक्ति से , राष्ट्र स्वयं सुधरेगा “ व “ निज पर शासन , फिर अनुशासन “ आज के समाज की मुख्य आवश्यकता हे । तुलसी ने बताया था की यह बहुत विस्मयकारी हे कि व्यक्ति धार्मिक तो बनता हे लेकिन वह नैतिक नहीं हे ।व्यक्ति संयमी बने । विधयार्थी , शिक्षक ,राजनेता , मज़दूर , व्यापारी सभी के लिए अणु व्रत के नियम बने हुए हे । उन्हें अपनाकर व्यक्ति सुखी जीवन जी सकता हे ।दिन में जिज्ञासा समाधान का सत्र रखा गया ।रात्रिकालीन प्रतिक्रमण में सभी श्रावक श्रविकाओ ने भाग लिया । मंगलाचरण महिला मंडल द्वारा किया गया ।सभाध्यक्ष चेतन खाब्या ने भी विषय पर अपने विचार व्यक्त किए ।
फ़तहनगर में चल रहा आठ दिवसीय पर्युषण कार्यक्रम
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