नई दिल्ली:महात्मा गांधी और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे को लेकर चल रही सियासत के बीच राष्ट्रपिता के पड़पोते तुषार गांधी का बयान सामने आया है। तुषार गांधी ने रविवार को कहा कि देश में राष्ट्रपिता के बताए रास्ते पर चलने वालों की संख्या घट रही है, जबकि उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की विचारधारा हावी होती जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जहां केंद्र सरकार आजादी के 75 साल पूरे होने पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रही है, वहीं यह देखा जा रहा है कि समाज में ‘घृणा का जहर’ फैल रहा है।
तुषार गांधी ने यह बात 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर जेईएस कॉलेज के गांधी अध्ययन केंद्र द्वारा आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम ‘कर के देखो’ के दौरान कहा। उन्होंने कहा कि सरकार प्रगतिशील भारत और उसके समृद्ध इतिहास के 75 गौरवशाली वर्ष को माने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है, लेकिन अब ‘अमृत’ नफरत का जहर बन गया है और यह बढ़ रहा है और फैल रहा है।
उन्होंने आगे कहा, ‘महात्मा गांधी की शिक्षाएं समाप्त हो रही हैं और उस पर हत्यारे नाथूराम गोडसे की विचारधारा हावी हो रही है। लोगों का एक वर्ग इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर रहा है और उसे अपने तरीके से फिर से लिख रहा है। लेकिन हमें वास्तविक इतिहास को पुनर्जीवित करना है और समाज में नफरत और बंटवारे के खिलाफ आवाज उठाएं।’
तुषार गांधी ने कहा कि हमने हिंसा, नफरत और बंटवारे की संस्कृति को अपनाया है। हम धर्म, जाति और क्षेत्र के आधार पर बंटे हुए हैं। हमारा विभाजन ही हमारी पहचान, मानसिकता है। उन्होंने कहा कि और सामाजिक व्यवस्थाएं विभाजन पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र केवल सीमा, झंडा और नक्शा नहीं होता है। तुषार गांधी ने कहा कि एक राष्ट्र एक भूमि है जिस पर सभी मनुष्य रहते हैं। यह लोग ही हैं जो राष्ट्र का निर्माण करते हैं।