नई दिल्ली। अपने स्कूल समय से ही झुग्गी झोपड़ियों के बच्चों, महिला शसक्तीकरण, रेड लाइट एरिया के वंचित तबकों के जीवन में रोशनी लाने के लिए संघर्षरत चिंतक, लेखक व सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. विक्रम चौरसिया के द्वारा संचालित झुग्गी झोपड़ियों के पाठशाला में डीआरडीओ वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र यादव नव वर्ष के शुभ अवसर पर बच्चों से मिलने के लिए आएं, वंचित बच्चों को शिक्षा देने के लिए ही “हमारी आपकी पाठशाला” नाम दिया गया है जहां पर नव वर्ष के दिन बच्चों के बीच में डीआरडीओ के वैज्ञानिक जो कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सर के साथ कार्य कर चुके हैं, जब इन बच्चों के बीच पहुंचे तो ऐसा प्रतीत हुआ की सच में डॉ. कलाम सर बच्चों से मिल रहे हैं, जब इन बच्चों के बीच पहुंचे तो सभी बच्चों में खुशी की लहर उमड़ पड़ी।
जिस तरह डॉ. कलाम सर बच्चों के साथ रहने पर अपने आप को ऊर्जावान महसूस करते थे उसी प्रकार वैज्ञानिक डॉ राजेंद्र सर का भी ऐसा ही मानना है की बच्चों के बीच में रहने पर जो खुशी मिलती है, वो खुशी शायद ही किसी भी काम को करने से मिले, ये भी बोले की जैसे विक्रम बाबू का साथ इनका साथी दे रहे हैं। बच्चो के जीवन में रोशनी लाने में वैसे ही मैं भी सप्ताह में आकर बच्चो को पढ़ाया करूंगा। ज्ञातव्य हो कि विक्रम का साथ अब इन स्लम के बच्चों के जीवन में उत्थान लाने में राघवेन्द्र कुमार, काजल कृष्णा, सागर चौरसिया, एडवोकेट धर्मेंद्र, प्रभा शुक्ला, चंदा सिंह, एड. मुकेश, अभिषेक यादव व लक्की चौ. जैसे कर्मठ युवा साथी दे रहे हैं। सभी बच्चों को कॉपी, पेन मिठाई बाटकर नव वर्ष मनाया गया। ध्यातव्य हो डॉ. विक्रम न केवल जमीन से जुड़े जुझारू सामाजिक कार्यकर्ता बल्कि सामाजिक व राजनैतिक विषयो के लेखक भी है, उनके लेख प्रतिदिन न केवल भारतीय प्रिंट मीडिया में जगह पाते है बल्कि सात समुंदर पार अमेरिका कनाडा, आस्ट्रेलिया जैसे देशों के समाचार पत्रों में प्रमुखता से जगह पाते हैं। ये आईएएस व पीसीएस के परीक्षार्थियों के लिये मेंटर, उत्प्रेरक और जीवन से निराश लोगो के लिए एक आशा की किरण के रूप में कार्य करते है।
पूर्व राष्ट्रपति मिसाइल मैन डॉ. कलाम के सहयोगी वैज्ञानिक राजेंद्र सर पाठशाला के बच्चों को प्रेरित किए
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