लंदन:विश्व फुटबॉल की नियामक संस्था-फीफा की चिकित्सा समिति के चेयरमैन माइकल डी हूगे ने कहा है कि कोरोनावायरस महामारी के दौरान फुटबॉल नहीं खेला जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया है कि राष्ट्रीय संघों को इसके बजाय अगले सीजन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। वहीं, दूसरी तरफ पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) के अध्यक्ष ने कहा है कि अगर फ्रांस के कोरोना वायरस को लेकर नये दिशानिर्देशों के कारण उनकी टीम चैंपियंस लीग के मैच स्वदेश में नहीं खेल पाती है तो वह इन मैचों को विदेश में खेलने के लिए तैयार है।
डी हूगे ने बीबीसी से कहा, “मेरा सुझाव है कि अगर यह संभव है तो अगले कुछ सप्ताह तक प्रतिस्पर्धी फुटबॉल खेलने से बचना चाहिए। इसके बजाय अगले सीजन में अच्छी तरह से प्रतियोगिता शुरू करने की तैयारियां करनी चाहिए।” डी हूगे का बयान बंदेस्लीगा लीग के उस कदम के बाद आया है, जिसमें लीग ने अगले महीने से फिर से फुटबॉल सीजन शुरू करने के संकेत दिए हैं जबकि प्रीमियर लीग बिना दर्शकों के जून में लीग को फिर से शुरू करने जा रहा है।
उन्होंने कहा, “इसमें बहुत खतरा है और इसके छोटे-छोटे परिणाम है। मैं एक चिकित्सक के तौर पर बात कर रहा हूं, मुझे मैचों के आयोजक के रूप में बोलने की जरूरत नहीं है, लेकिन चिकित्सा दृष्टिकोण से मैं मैचों के आयोजन को लेकर बेहद आशंकित हूं।” डी हूगे ने साथ ही कहा, “हम सीधे संपर्क से कैसे बचेंगे। यह मेरा सवाल है। हमें टीका बनने तक इंतजार करना होगा। जब तक टीका तैयार नहीं हो जाता तब तक फुटबॉल खेलने से समस्याएं पैदा होंगी।”
पीएसजी के अध्यक्ष नासिर अल खलीफी ने किया ऐलान
फ्रांसीसी प्रधानमंत्री एडवार्ड फिलिप ने कहा था कि सितंबर तक पेशेवर फुटबॉल की शुरुआत नहीं हो सकती, जिसके बाद पीएसजी के अध्यक्ष नासिर अल खलीफी ने यह घोषणा की। सरकार के नये दिशानिर्देशों के बाद लीग 1 सत्र के भी रद्द होने की संभावना बन गई है।
अल खलीफी ने बयान में कहा, ”हम फ्रांस सरकार के निर्णय का सम्मान करते हैं। यूएफा (यूरोपीय फुटबॉल संघ) के साथ करार को देखते हुए हम कहीं भी और किसी भी समय चैंपियंस लीग में खेलने के लिए तैयार हैं।” उन्होंने कहा, ”अगर फ्रांस में खेलना संभव नहीं है तो अपने खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के लिए सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुरक्षा स्थिति सुनिश्चित करने के बाद हम विदेशों में अपने मैच खेलेंगे।”