उरई(जालौन) (उ.प्र.)। प्रतेक व्यक्ति की न्याय तक पहुँच हो तथा पीड़ितों को सम्मान पूर्ण न्याय दिलाने हेतु जिले में संचालित दलित सम्मान व न्याय केंद्र लगातार समुदाय में लोगों को विधिक व क़ानूनी जानकारी एवं पीड़ितों को फ्री लीगल एड देते हुए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट एवं हाईकोर्ट में पैरवी करते हुए – न्याय तक पहुँच अभियान चला रहा है जिसको आज 2 साल पुरे हो गए |
दलित सम्मान व न्याय केंद्र के 2 साल पूरे होने पर केंद्र कार्यालय पुलिस लाइन बघौरा उरई में पूरी टीम के साथ समीक्षा बैठक की गयी जिमसे सेंटर के 2 साल के रिपोर्ट कार्ड को रखा गया की पिछले 2 साल में केंद्र में कुल 177 केस रजिस्टर्ड हुए जिसमें 87 दलित अत्याचार (एस.सी./एस.टी.), 17 पॉक्सो, 45 महिला हिंसा के केस आये है जिन पर केंद्र के दुवारा लगातार डिस्ट्रिक्ट कोर्ट एवं हाईकोर्ट स्तर पर लीगल पैरवी की जा रही है, वही पिछले 2 सालों में जिले के 5 तहसील – उरई, कालपी, कोंच, जालौन व माधौगढ़ के 160 पंचायतों में 205 पैरालीगल वालंटियर्स/दलित मानवाधिकार रक्षक तैयार किये गए जिसमे 82 वालंटियर को लीगल एवं लीडरशिप ट्रेनिंग दी गयी व 56 गम्भीर केसों की फैक्टफाइंडिंग की गयी, वही जिले में 44 विभिन्न जागरूकता कैम्पों के मध्यम से लोगों को विधिक एवं क़ानूनी जानकारी दी गयी व सरकारी योजनाओं पर पहुँच जागरूकता कैम्प के माध्यम से 1795 दलित बंचित समुदाय के लोगों को बिभिन्न सरकारी योजनाओं तक पहुँच बनाते हुए उन्हें लाभान्वित करवाया गया |
केंद्र की लीगल टीम समन्वयक एड. रश्मि वर्मा,एड.निखत परवीन,ने अपने 2 साल में कोर्ट के अन्दर को पीड़ितों के न्याय दिलाने के समय आने बाली चुनौतियों एवं अनुभव को रखा वही उरई तहसील से प्रदीप हरकोतीं, माधौगढ़ तहसील से सचिन चौधरी,कोंच तहसील से स्नेषराजा, जालौन से उषा देवी, देबेन्द्र अनिल, कालपी से अनीता, सुरेंद्र ने गावँ के हालातों को रखा कि लोग सरकारी योजनाओं को पाने के लिए संघर्ष कर रहे व पीड़ित न्याय के लिए भटक रहे है, हम सबके प्रयास से जहां एक ओर दलित बंचित समुदाय को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिला वही पीड़ितों को न्याय की आस जगी है। दलित सम्मान व न्याय केंद्र सभी पीड़ितों के उम्मीद व भरोसे का सेंटर बनता जा रहा है जहां पीडित निर्भीक होकर आते और अपनी बात रखते है। दलित सम्मान व न्याय केंद्र/बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच के संस्थापक/संयोजक – एड.कुलदीप कुमार बौद्ध ने कहा कि केंद्र पीड़ितों के लिये मददगार साबित हो रहा है, पिछले 2 साल में पूरी टीम ने कई परिणाम जनक कार्य किये है व आने बाले समय और अधिक मेहनत से कार्य करना है ताकि जिले के प्रत्येक पीड़ित को सम्मान पूर्ण न्याय मिल सके।
न्याय तक पहुँच अभियान को गावँ गावँ ले जाने की जरूरत है, समुदाय एवं लोगों को विधिक एवं कानूनी जानकारी देना है। ताकि लोगों की कानून के प्रति संमझ बन सके, केंद्र एक और जहाँ पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए पैरवी कर रहा है वही एस.सी./एस.टी.एक्ट, पॉक्सो एक्ट, महिला हिंसा के कानून के अम्लीकरण पर रिसर्च/अध्यन कर रहा आज बड़ी संख्या में केंद्र के साथ युवा अधिवक्ता जुड़ रहे वही न्याय तक पहुँच अभियान के साथ भी लोग जुड़ रहे है। आज सेंटर दुवारा संचालित अभियान – न्याय तक पहुँच अभियान को 2 साल पुरे हुए इसके लिए सभी को बधाई दलित सम्मान व न्याय केंद्र अपील करता है कि प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान पूर्ण न्याय दिलाने के लिए न्याय तक पहुँच अभियान से जरूर जुड़ें।
पीड़ितों में न्याय की उम्मीद जगा रहा – दलित सम्मान व न्याय केंद्र

Highlights
- दलित सम्मान व न्याय केंद्र के 2 साल पूरे - न्याय तक पहुँच अभियान जारी..
- 87 दलित अत्याचार(एस.सी./एस.टी.), 17पॉक्सो, 45महिला हिंसा के केस रजिस्टर्ड, केंद्र दुवारा की जा रही पैरवी
- प्रतेक पीड़ित को न्याय व सम्मान दिलाना केंद्र का मुख्य उद्देश्य - एड. कुलदीप बौद्ध
- एस.सी./एस.टी,पोक्सो के बाद इस साल दहेज़ उत्पीडन व महिला हिंसा के 500+ अधिक केस पीड़ितों के साथ की जा रही रिसर्च
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