दिनेश कुमार, सुरभि सलोनी।। फैशन की दुनिया में अर्चना कोचर एक जाना पहचाना नाम है। लंबे समय से फैशन की दुनिया में उनका डंका बज रहा है, एक से एक ड्रेस डिजाइन उनकी पहचान बन चुकी है। उनकी सफलता और प्रसिद्धि की अगर बात करें तो उन्होंने बहुत बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। और सबसे खास बात इसके पीछे अगर कुछ है तो वह है उनकी काबिलियत, मेहनत, विनम्रता और काम के प्रति निष्ठा। हाल ही में हैदराबाद में संपन्न 72वीं मिसवर्ल्ड प्रतियोगिता में उन्होंने दुनिया के तमाम देशों से आईं प्रतिभागियों के कपड़े डिजाइन किए, जिसने उनके काम को विश्वपटल पर एक नया आयाम दिया है। वह कहती हैं कि क्रिएटीविटी हमारे इंडिया की बहुत जेन्यून हॉबी रही है, और हम विश्वपटल पर अच्छा रोल प्ले कर सकते हैं। अर्चना कोचर के कार्यों, उनकी सफलता, आने वाले प्रोजेक्ट, भारतीय फैशन का विश्वपटल पर प्रभाव तथा फैशन डिजाइन में कैरियर तलाश रहे युवाओं को लेकर उनका क्या मत है, इन्हीं सब विषयों को लेकर हमने हाल ही में उनसे बातचीत की, उन्होंने इस दौरान क्या कहा इसी पर हमारा यह इंटरव्यू –
– 72 वें मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के अपने अनुभव हमें बताएँ?
मेरे लिए यह बहुत अच्छा अनुभव रहा। चूंकि यह इवेंट बहुत पैमाने पर था, इसलिए बहुत बड़ा अनुभव भी रहा। इससे हमें सीखने के लिए बहुत कुछ मिला। इस दौरान हमने 240 ब्यूटीफुल आउटफिट्स बनाए। जब अलग अलग लोगों के लिए डिजाइन करते हैं तो इसमें अलग-अलग तरह के अनुभव मिलते हैं क्योंकि हम जिनके लिए डिजाइन कर रहे हैं उनके अलग-अलग फीचर्स होते हैं, अलग-अलग बॉडी स्ट्रक्चर्स होते हैं, उनका ध्यान ऱखकर कपड़े बनाए, जो एक चैंलेंज था साथ ही सीखने भी मौका था। उदाहरण के तौर पर देखें तो अफ्रीकन कंट्रीज की लड़कियां बहुत लंबी होती हैं, उनकी लंबाई 7-7 फीट होती है, उनका बॉडी स्ट्रक्चर्स भी उसी तरह होता है, वहीं एशिया की लड़कियों की लंबाई 5 फीट होती हैं। अब चूंकि पिछली बार मैं इसे कर चुकी थी, तो इस बार हमने और भी बेहतर किया।
– इतने बड़े इवेंट में फैशन डिजाइनर के रूप में काम करने का मौका कैसे मिला और इस उपलब्धि को आप कैसे देखती हैं?
हमें इसके लिए तेलंगाना सरकार ने आमंत्रित किया था तथा वह चाहते थे कि ग्रांड फिनाले पर जो भी डिजाइन बने उनमें फैब्रिक तेलंगाना के इश्तेमाल हों। इसके लिए हमने वहां के बुनकरों के साथ काम किया और उनके साथ काम करने के अनुभव बहुत ही सुंदर था। वे बहुत अच्छी बुनाई करते हैं, क्योंकि उनका परिवार कई पीढ़ियों से यह काम करते आ रहे हैं। वहां असली सोने व चांदी का इश्तेमाल करके भी बुनाई होती है। यह सब देखना बहुत ही अच्छा व अलग एक्स्पीरियंस रहा। हमने भी साड़ियों को अलग-अलग ढंग से ट्रीट दिया, डिजाइन किया और उन्हें इस इवेंट के जरिए ग्लोबल पहचान भी मिली।
– इसके लिए आपने तैयारियां कैसे की और इसमें कितना समय लगा?
इसकी तैयारियों में हमें काफी समय लगा, लगभग 10-12 हफ्ते। खूब काम हुआ इस पर। हमने दिन-रात काम किया। वीकली ऑफ तक नहीं लिया, कारीगर लगातार काम करते रहे। तब जाकर हमने इस काम पूरा किया।
– तमाम फैशन शो और इस तरह की प्रतियोगिताओं के लिए काम करने में क्या खास फर्क होता है?
देखिए, जब सामान्य फैशन शो होते हैं तो उसमें लगभग 30-35 प्रतियोगी ही होते हैं जबकि इसमें हर कांटीनेंट से 30 लड़कियां होती हैं और इसे चार कांटिनेंट्स में बांटा गया था। यह संख्या बहुत बड़ी थी, ऐसे में जब हम इस स्केल में सोचते हैं तो इसमें कलर्स का भी बहुत ध्यान रखना होता है, ताकि स्टेज भी अच्छा लगे। हमने प्रतियोगियों के लिए प्रति राउंड 120 डिजाइन तैयार किए थे और इसके 2 राउंड हुए थे। इस स्केल में लड़कियों को सजाना एक बहुत बड़ा चैलेंज था जिसे हमने यहां पर किया। यही वजह थी कि इस बार हमने पिछली साल से बेहतर किया।
5. अब तक आपने बहुत सारे फैशन शो के लिए काम किये होंगे, इस इवेंट में आपका सबसे यादगार अनुभव क्या रहा?
मेरे हिसाब से इन लड़कियो के साथ इंट्रक्शन बहुत यादगार होता है। हर लड़की में एक अलग स्पार्क होता है। देखा जाए तो ऐश्वर्या राय मिस वर्ल्ड बनी उनके लाइफ की जर्नी इतनी अच्छी रही। प्रियंका चोपड़ा भी बनी। इन लड़कियों में बहुत अच्छी एनर्जी और स्पार्क होता है। ऐसे में उनके साथ डील करना अपने आप में बहुत यादगार अनुभव होता है।
6. फैशन को लेकर समय के साथ हुए बदलावों को आप कैसे देखती हैं?
72 साल पहले जो प्रतियोगिता हुई थी, उसे तो मैंने नहीं देखा था, लेकिन वर्ल्ड पूरा ग्लोबली चेंज हो गया है। आज सोशल मीडिया ने पूरे वर्ल्ड को यूनाइट कर दिया है। ऐसे में सोशल मीडिया के जरिए 1 मिनट में खबरें सब तक पहुंच जाती हैं और इसका जो असर होता है वह अलग ही तरीके का होता है। ऐसे में 70 साल पहले जब यह हुआ होगा तो एक कंट्री में इसका प्रभाव हुआ होगा लेकिन आज सोशल मीडिया के जरिए इसका इम्पेक्ट पूरी दुनिया में पहुंचता है।
7. आपके आने वाले भविष्य के प्रोजेक्ट्स के बारे में बताएं?
हम आने वाले समय में महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर बहुत बड़ा प्रोजेक्ट करने जा रहे हैं। इसके अलावा न्यूयार्क में न्यूयार्क फैशन वीक भी हम करने जा रहे हैं। उस पर काम शुरू हो चुका है, जो बहुत बढ़िया प्रोजेक्ट होने वाला है। इसके साथ बहुत अच्छे और बड़े लोग जुड़ने वाले हैं, ऐसे में बहुत ही ब्यूटीफुल होगा।
8. फैशन डिजाइनिंग सीख रहे स्टूडेंट्स और इसे कॅरियर के रूप में चुनने वालों को आप क्या टिप्स देना चाहेंगी?
फैशन डिजाइनिंग की लाइफ बहुत ही फुलफिलिंग है, इस फील्ड में जो बच्चे आना चाहते हैं उनका मैं स्वागत करना चाहूंगी और कहूंगी कि उन्होंने बहुत अच्छी फील्ड चुनी है। साथ ही यह भी कहना चाहूंगी कि इसमें जो ग्लैमर दिखता है उसके पीछे सिर्फ हार्डवर्क, हार्डवर्क और हार्डवर्क ही है, जिसका कोई सब्सीट्यूट नहीं है। अगर हम यह फील्ड चुनना चाहते हैं तो इसके लिए हमें हार्डवर्क करने के लिए तैयार रहना चाहिए। दूसरी बात कहना चाहूंगी कि जब जब हम किसी इंसान से मिलते हैं तो पहले हम इंसान से मिलते उसके बाद अपनी क्रिएटीविटी दिखाते हैं। ऐसे में पहले हमारा व्यवहार अच्छा होना चाहिए। अगर व्यवहार अच्छा है तो लंबी पारी खेल सकते हैं, नहीं तो बहुत मुश्किलें होती हैं आगे चलकर। अंतिम बात जिंदगी का हमारा एक नजरिया होता है, हम बहुत कुछ पाते हैं तो पाने के बाद हमें हंबलनेस होना चाहिए। पाने पर थैंकफुल होकर सीखते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
9. अगर हम विश्वपटल पर भारतीय फैशन और परिधानों को देखें तो आज हम कहां हैं?
मेरे हिसाब से भारत का फैशन बहुत अहम स्थान पर है, क्योंकि इंडिया का पीआर पूरा चेंज हो चुका है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदीजी को जाता है, क्योंकि उन्होंने पूरा पीआर चेंज कर दिया है। जिसकी वजह से इंडिया अब डिफरेंट दिखने लगा है। दूसरी बात क्रिएटीविटी हमारे इंडिया की बहुत जेन्यून हॉबी रही है, और यह बहुत सालों से है। 500-1000 साल पहले भी यहां अच्छे कपड़े और जेवर बनते थे और लोग पहनते थे, तो ये हमारे यहां सालों से चला आ रहा है। आज भी हमारे यहां हाथों से कपड़े, जेवर बन रहे हैं, इसलिए हम आज भी अच्छा रोल प्ले कर सकते हैं और हमारा स्थान काफी महत्वपूर्ण है।

