पालघर। वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ पालघर के तत्वावधान में साध्वी डॉ स्नेहप्रभा जी म.सा. साध्वी डॉ प्रज्ञाश्री जी म.सा. के सान्निध्य में साधना के शिखर पुरुष गुरुदेव श्री पुष्कर मुनि जी म.सा. की 112 वी जन्म जयंती के साप्ताहिक कार्यक्रम का आयंबिल ओली का शुभारंभ हुआ। आज प्रथम दिवस अरिहंत भगवान की स्तुति, पाठ, भजन करना है। 20 माला, 12 कायोसर्ग, 12 वंदना, 12 णमोत्थुणम यह आज की विधि है। आयंबिल महान तप है। जैसे सर्प बिल में सीधा होकर प्रवेश करता है वैसे ही शरीर का उपयोग करने के लिए समभाव से शांति से भोजन करना स्वादिष्ट वस्तुओं का इंद्रियों को उत्तेजित करने वाली माल मसालेदार भोजन का त्याग करके सिर्फ उबला हुआ भोजन ग्रहण करना आयंबिल तप है। आयंबिल तप से उत्तम मनुष्य भव मिलता है। ज्ञान संकट दूर होता है। रोग, बीमारी से भी छुटकारा मिलता है। अनोकों लब्धिया प्राप्त होती है। चंपा नरेश श्रीपाल-नैना सुंदरी ने इस व्रत को करके अपने कुष्ठरोग को भगाया था।