नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान’ का शुभारंभ किया। 100 लाख करोड़ रुपए की इस योजना के तहत रेल और सड़क समेत 16 मंत्रालयों को डिजिटली कनेक्ट किया जाएगा। इससे इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजक्ट्स में तेजी आएगी। इसके तहत शुरुआत में 16 ऐसे मंत्रालयों की पहचान की गई है जो बेसिक इंन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम देखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को गति शक्ति योजना का ऐलान किया था।
इससे विकास की गति होगी तेज
इस अवसर पर PM मोदी ने कहां कि आज दुर्गाअष्टमी है। पूरे देश में आज कन्या पूजन हो रहा है। आज देश की प्रगति को शक्ति देने का शुभकार्य हो रहा है। यह 21वीं सदी के भारत के निर्माण को नई ऊर्जा देगा। विकास के रास्ते की रुकावटों को दूर करेगा और भारत के विकास को गति देगा। गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान भारत को गति देगा। एक पोर्टल से सभी योजनाओं की जानकारी मिलेगी। देसी हेंडिक्राफ्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखेंगे।
पहले की सरकारों को लगता था जैसा चल रहा है, वैसा चलने दो आज का भारत समय पर प्रोजेक्ट को पूरा कर रहा है। सरकारी शब्द का मतलब पहले बिगड़ गया था, लोगों को लगता था कि सरकारी मतलब क्वालिटी खराब है। लेकिन अब भारत 21वीं सदी में पुरानी सोच पीछे छोड़ रहा हैं।
सरकारी विभागों में तालमेल की कमी
सरकारी विभागों के बीच आपसी तालमेल की कमी देखी जाती है। इस वजह से जो प्रोजेक्ट अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाले होते थे। वे ही कमजोर पड़ जाते थे। कई प्रोजेक्ट्स लटक जाते थे। मैं 2014 में जब प्रधानमंत्री बना तो देश में करोड़ों के प्रोजेक्ट अटके पड़े थे। हमने सारी रुकावटों को दूर करने का प्रयास किया।
हमने देखा है कि कहीं सड़क बनने के बाद पानी की पाइपलाइन डालने के लिए उसे खोद दिया जाता है। कहीं सड़क विभाग डायवर्जन बना देता है, ट्रैफिक पुलिस कहती है उससे जाम लग रहा है। ऐसे कई उदाहरण हैं। इनका समन्वय करने में दिक्कत आती थी। इससे बजट की भी बर्बादी होती है।
वर्क इन प्रोग्रेस का बोर्ड बन गया था अविश्वास का प्रतीक
टैक्स के पैसे को इस्तेमाल करते वक्त सरकार में भावना नहीं होती थी कि उसको बर्बाद ना होने दिया जाए। लोगों को भी लगने लगा कि ऐसा ही चलता रहेगा। हर जगह वर्क इन प्रोग्रेस लिखा दिखता था। लेकिन वह काम समय पर या कभी पूरा होगा या नहीं इसको लेकर कोई भरोसा नहीं था। वर्क इन प्रोग्रेस का बोर्ड अविश्वास का प्रतीक बन गया था। लेकिन अब ये सोच बदल रही है।
गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान
प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ एयरपोर्ट, नई सड़कों और रेल योजनाओं समेत यातायात की व्यवस्था को दुरूस्त करना और इसके जरिए युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना होंगे। इस डिजिटल मंच की मदद से विकास कार्यों को स्पीड देने की कोशिश होगी। इससे उद्योगों की कार्य क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी और स्थानीय विनिर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा। इसके तहत 16 मंत्रालयों और विभागों ने उन सभी परियोजनाओं को जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम (GIS) मोड में डाल दिया है, जिन्हें 2024-25 तक पूरा किया जाना है।
गति शक्ति देश के लिए नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर का मास्टर प्लान होगा। यह इकोनॉमी को इंटीग्रेटेड पाथ-वे देगा। गति शक्ति सभी रोड़ों को और कठिनाइयों को हटाएगी। सामान्य आदमी के ट्रेवल टाइम में कमी होगी, मैन्युफैक्चरर्स को मदद होगी। अमृत काल के इस दशक में गति की शक्ति भारत के कायाकल्प का आधार बनेगी।
16 विभागों को योजना में किया जाएगा शामिल
इस योजना में रेलवे, सड़क व राजमार्ग, पेट्रोलियम और गैस, बिजली, दूरसंचार, नौवहन, विमानन व औद्योगिक पार्क बनाने वाले विभागों समेत केंद्र सरकार के 16 विभागों को शामिल किया जाएगा। केंद्र के सभी 16 विभागों के उच्च अधिकारियों का नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप गठित किया जाएगा। इससे देश में विकास को गति देने में मदद मिलेगी।
प्रगति मैदान के नए कॉम्पलेक्स का उद्घाटन भी किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले प्रगति मैदान के नए कॉम्पलेक्स का उद्घाटन किया। इसमें 4 हॉल बनकर तैयार हो चुके हैं। इनको पूरी तरह से बदल दिया गया है। इसमें 4800 कार एकसाथ पार्क हो सकेगी। फिलहाल कुछ अंडरपास और टनल बन रही हैं, जिससे बाहर की सड़कों का ट्रैफिक कंट्रोल किया जा सकेगा।