- दो साल में 100 करोड़ रुपए से अधिक का चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड से मिला
मुंबई। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ दल शिवसेना की इनकम 15.57 फीसदी घटकर वर्ष 2019-20 में 111.40 करोड़ रुपए रही। शिवसेना की यह इनकम उस साल की है, जिस कारोबारी में वर्ष में उद्धव ठाकरे ने सूबे के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। जबकि शरद पवार की एनसीपी की इनक्म इन दिनों बढ़ी है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राकांपा को दान और अनुदान से मिलने वाले चंदे में वर्ष 2019-20 में करीब 101 फीसदी की वृद्धि हुई है। इससे पहले के कारोबारी वर्ष 2018-19 में शिवसेना की इनकम 135.50 करोड़ रुपए थी। इस प्रकार की जानकारी खुद शिवसेना ने अप्रैल 2021 को निर्वाचन आयोग को दिए अपने वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट में दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महाविकास आघाडी सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना ने 31 मार्च 2020 को समाप्त हुए कारोबारी वर्ष में अपनी इनकम 111.40 करोड़ रुपए बताई है। इसमें फीस और सब्सक्रिप्शन से 25.39 लाख रुपए, ग्रांट्स, डोनेशन और कॉन्ट्रीब्यूशन से 105.65 करोड़ रुपए और अन्य माध्यम से 5.50 करोड़ रुपए मिले थे। इसी प्रकार 31 मार्च 2019 को समाप्त हुए आर्थिक वर्ष में शिवसेना फीस और सब्सक्रिप्शन से 90.42 लाख रुपए, ग्रांट्स, डोनेशन और कॉन्ट्रीब्यूशन से 130.96 करोड़ रुपए और अन्य माध्यम से 3.64 करोड़ रुपए मिले थे।
शिवसेना ने वर्ष 2019-20 में 111.40 करोड़ रुपए की जो अपनी इनकम दिखाई है। उसमें 36.79 फीसदी यानी करीब 40.98 करोड़ रुपए का चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड से मिला है। जबकि वर्ष 2018-19 में इलेक्टोरल बॉन्ड 44.58 फीसदी यानी करीब 60.40 करोड़ रुपए का चंदा मिला था। महत्वपूर्ण है कि महाराष्ट्र में अक्टूबर 2019 में विधानसभा का चुनाव हुआ था। शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 53.27 करोड़ रुपए खर्च करने की बात कही है। इसी प्रकार 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान शिवसेना ने 24.31 करोड़ रुपया खर्च किया था। शिवसेना ने 2019-20 में विज्ञापन पर कुल 3.14 करोड़ रुपए खर्च करने की जानकारी अपने वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट में दी है।
महाविकास आघाडी सरकार में शिवसेना और कांग्रेस के साथ सत्ता में शामिल राकांपा को दान और अनुदान से मिलने वाले चंदे में वर्ष 2019-20 में करीब 101 फीसदी की वृद्धि हुई है। उसे वर्ष 2019-20 में दान और अनुदान से करीब 83.36 करोड़ रुपए रुपए मिले। जबकि 2018-19 में राकांपा को इस तरह से 41.33 करोड़ रुपए मिले थे। यदि इलेक्टोरल बॉन्ड से मिले चंदे की बात की जाए तो राकांपा को 2019-20 में 20.5 करोड़ रुपए मिले जबकि 2018-19 में उसे 29.25 करोड़ रुपए का चंदा मिला था।