मुंबई: मुकेश अंबानी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर-रिलायंस रिटेल डील मामले में अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने रिलायंस-फ्यूचर रिटेल डील पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिलायंस, फ्यूचर ग्रुप की रिटेल संपत्ति खरीदने के सौदे पर आगे नहीं बढ़ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फ्यूचर रिटेल की बिक्री को रोकने के लिए सिंगापुर आर्बिट्रेटर के फैसले को लागू किया जा सकता है। फ्यूचर रिटेल का रिलायंस रिटेल के साथ 3.4 अरब डॉलर (24713 करोड़ रुपए) की डील आर्बिट्रेटर के फैसले को लागू करने के योग्य है।
इस साल फरवरी में जेफ बेजोस ने फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ याचिका दायर की थी। इसे बेजोस ने फ्यूचर ग्रुप के रिटेल असेट्स रिलायंस रिटेल को बेचने की चुनौती दी थी।
अमेजन ने याचिका क्यों लगाई थी?
अगस्त 2020 में रिलायंस और फ्यूचर रिटेल के बीच सौदा हुआ। इस सौदे के खिलाफ अमेजन सिंगापुर की आर्बिट्रेशन कोर्ट पहुंची। 25 अक्टूबर 2020 को सिंगापुर की कोर्ट ने भी इस डील पर रोक लगा दी थी। सिंगापुर कोर्ट ने भी कोई आखिरी फैसला नहीं दिया है। वहां की अदालत जल्द ही इस पर फैसला दे सकती है, क्योंकि अक्टूबर में डील पर रोक लगाने के बाद कोर्ट ने कहा था कि वो 90 दिन में कोई फैसला देगी। चूंकि ये रोक सिंगापुर की कोर्ट ने लगाई थी, इसलिए रिलायंस और फ्यूचर इस आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं थे। यही वजह थी कि सिंगापुर की कोर्ट का आदेश लागू करवाने के लिए अमेजन को दिल्ली हाईकोर्ट में अपील करनी पड़ी थी। दिल्ली हाइकोर्ट ने डील को आगे
कब क्या हुआ?
अगस्त 2019: अमेजन ने 1431 करोड़ रुपए में फ्यूचर कूपन्स में 49% हिस्सेदारी खरीदी। फ्यूचर कूपन्स के पास फ्यूचर रिटेल में 10% हिस्सेदारी है।
अगस्त 2020: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फ्यूचर रिटेल को 24713 करोड़ रुपए में खरीदने की घोषणा की
अक्टूबर 2020: सिंगापुर की कोर्ट ने रिलायंस और फ्यूचर के बीच हुई डील पर रोक लगा दी
दिसंबर 2020: दिल्ली हाईकोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप की उस याचिका को खारिज किया जिसमें उसने रिलायंस-फ्यूचर डील में अमेजन का दखल रोकने की मांग की थी
जनवरी 2021: सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने रिलायंस-फ्यूचर रिटेल डील को मंजूरी दी
फरवरी 2021: दिल्ली हाईकोर्ट ने रिलायंस-फ्यूचर रिटेल सौदे पर रोक लगा दी