नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अध्यक्षता संभालने के बाद भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस अवसर का उपयोग करने को पूरी तरह से तैयार है। भारत रविवार (एक अगस्त, 2021) को एक महीने के लिए सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बना है। भारत ऐसे समय में यूएनएससी की अध्यक्षता करने जा रहा है, जब वैश्विक स्तर पर कोरोना महामारी, समुद्री सुरक्षा, अफगानिस्तान और आतंकवाद का मुद्दा काफी महत्वपूर्ण है। ये सारे मुद्दे भारत के हितों को भी काफी प्रभावित कर रहे हैं। बहुत संभव है कि पीएम नरेंद्र मोदी यूएनएससी के किसी एक कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत के प्रतिनिधि के तौर पर करें। ऐसा करने वाले वह भारत के पहले प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
अगले एक महीने के कार्यक्रम का आधिकारिक एजेंडा यूएनएससी की तरफ से सोमवार को जारी किया जाएगा। एजेंडे में अहम मुद्दों को शामिल करने के लिए भारत अपने महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार देशों जैसे फ्रांस, अमेरिका, रूस आदि के साथ लगातार संपर्क में है। भारत की तैयारियों को इस बात से समझा जा सकता है कि अगले एक महीने के दौरान यूएनएससी में अलग-अलग आयोजनों को पीएम नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला संबोधित करेंगे। पीएम मोदी किस आयोजन को संबोधित करेंगे इसका फैसला अभी होना बाकी है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने इंटरनेट मीडिया पर लिखा है कि पीएम नरेंद्र मोदी संभवत: नौ अगस्त को यूएनएससी में एक कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे और ऐसा करने वाले वे भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे। विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अभी इस बारे में अंतिम फैसला होना बाकी है। वैसे योजना में यह भी शामिल है कि विदेश मंत्री जयशंकर यूएनएससी में भारत के हितों से जुड़े किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर वहां उपस्थित होकर भारत का पक्ष रखें।
जयशंकर ने भारत की मंशा साफ करते हुए इंटरनेट मीडिया के जरिये यह जानकारी दी है कि भारत की कोशिश संतुलन स्थापित करने की होगी। बातचीत को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय नियमों के पालन पर आगे बढ़ने की होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि भारत मुख्य तौर पर सम्मान, संवाद, सहयोग, शांति व समृद्धि (पांच स) पर जोर देगा। भारत इसके पहले 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12 में यूएनएससी का सदस्य रहा है।
अगस्त के लिए तैयारी भारत ने दो महीने पहले से शुरू कर दी थी। इस बारे में विदेश मंत्री ने स्वयं रूस और अमेरिका के विदेश मंत्रियों से बात की है, ताकि यूएनएससी में जिन मुद्दों को भारत आगे लाना चाहता है, उसे व्यापक समर्थन मिल सके।
नई दिल्ली में रूस के राजदूत निकोलाई कुदाशेव ने कहा है कि भारत ने समुद्री सुरक्षा, शांति दल और आतंकवाद जैसे मुद्दों को उठाने का फैसला किया है, जो काफी स्वागतयोग्य है। फ्रांस के राजदूत एमानुएल लीनैन ने कहा है कि फ्रांस भारत की अध्यक्षता में यूएनएससी के काम काज में पूरा सहयोग करने को तैयार है, ताकि कानून सम्मत अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था कायम हो सके।