जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने आसियान देशों से म्यांमार में सैन्य तख्तापलट को लेकर बातचीत शुरू करने के लिए कहा है। संयुक्त राष्ट्र के मुतबिक आसियान देशों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद से जुंटा और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई देश की सरकार से राजनीतिक बातचीत शुरू करनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को म्यांमार में नागरिकों को मानवीय सहायता देने की अनुमति दी जानी चाहिए, जैसा कि दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) के साथ सहमति है। गौरतलब है कि, बीती एक फरवरी को सेना द्वारा आंग सान सू की की चुनी हुई सरकार को हटाने के बाद से म्यांमार संकट में है। जिसने राष्ट्रव्यापी गुस्से को उजागर किया है, साथ ही देश में सेना द्वारा लोकतंत्र में समर्थन में प्रदर्शन और विरोध को कुचला जा रहा है।
बाचेलेट ने यूएन ह्यूमन राइट्स काउंसिल को बताया कि आसियान देशों ने अप्रैल में जुंटा नेता मिन आंग हलिंग के साथ पांच सूत्रीय विचारों पर सहमति व्यक्त की है, लेकिन दुर्भाग्य से म्यांमार के सैन्य नेतृत्व ने इसका पालन करने के बहुत कम संकेत दिए हैं। आसियान द्वारा किसी भी तरह की राजनीतिक वार्ता शुरू करने के लिए एक विशेष दूत या टीम नियुक्त करना जरूरी है। मैं आसियान को लोकतांत्रिक नेतृत्व और नागरिक समाज के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करता हूं, न कि केवल सैन्य मोर्चे पर बाताचीत। साथ ही उन्होंने कहा कि, जितना संभव हो सके नागरिक समाज संस्थानों के माध्यम से और लोकतांत्रिक विपक्ष के परामर्श से सहायता पहुंचाना महत्वपूर्ण होगा।
दो दिवसीय जिनेवा फोरम में बाचेलेट ने बताया कि तख्तापलट के बाद से लगभग 900 लोग मारे गए हैं, जबकि कम से कम 5,200 अवैध रूप से हिरासत में लिए गए हैं। साथ ही करीब 93 पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से कम से कम 44 अभी भी हिरासत में हैं, जिनमें विदेशी संवाददाता भी शामिल हैं। वहीं, म्यांमार के आठ प्रमुख मीडिया आउटलेट्स के लाइसेंस सेना द्वारा रद्द कर दिए गए हैं, कई पत्रकारों के पास देश के बाहर सुरक्षा की तलाश करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।