बीजिंग:भारत के खिलाफ अपनी रणनीतियों को अंजाम देने और एशिया में खुदको सबसे मजबूत देश के तौर पर स्थापित करने की मंशा से चीन पड़ोसी देशों को आर्थिक मदद देता है और उन्हें सैन्य उपकरण भी मुहैया कराता है हालांकि, अब अमेरिका का ऐसा करना चीन को रास नहीं आ रहा है। चीन पड़ोसी देशों में मिसाइलों और रक्षात्मक प्रणालियां तैनात करने की अमेरिकी योजनाओं के खिलाफ है। बीजिंग का कहना है कि इससे रणनीतिक स्थिरता कमजोर हो सकती है। चीन ने अंतरराष्ट्रीय हथियार नियंत्रण, निरस्त्रीकरण और अप्रसार प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने का आह्वान किया है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने जिनेवा में निरस्त्रीकरण सम्मेलन को संबोधित करते हुए संयुक्त रूप से वैश्विक रणनीतिक स्थिरता बनाए रखने, अंतरराष्ट्रीय हथियार नियंत्रण संधियों का पालन करने, बातचीत के माध्यम से अप्रसार के मुद्दे का समाधान करने और नये मोर्चों पर वैश्विक सुरक्षा शासन में सुधार का प्रस्ताव रखा। वांग ने कहा कि चीन किसी द्वारा क्षेत्रीय और वैश्विक मिसाइल रक्षा प्रणालियों के विकास और तैनाती का विरोध करता है, जो रणनीतिक स्थिरता को कमजोर करे। चीन अन्य देशों के पड़ोस में भूमि आधारित मध्यवर्ती दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों की तैनाती का भी विरोध करता है। वांग ने हालांकि अमेरिका का नाम नहीं लिया लेकिन अमेरिका द्वारा एशिया में मध्यम दूरी की मिसाइलें तैनात किए जाने पर जवाबी कार्रवाई करने की चीन ने पूर्व में धमकी दी है। उसने दक्षिण कोरिया में उच्च तकनीक वाले टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (टीएचएएडी) तैनात करने के वाशिंगटन के कदम का इन चिंताओं के मद्देनजर विरोध किया है कि अमेरिकी प्रणाली चीन की मिसाइल गतिविधियों पर नजर रखेगी।
अमेरिका और रूस से परमाणु हथियार कम करने का आह्वान
वांग ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों को इस महत्वपूर्ण सूत्र की पुष्टि करनी चाहिए कि एक परमाणु युद्ध नहीं जीता जा सकता है। इसे कभी लड़ा नहीं जाना चाहिए। साथ ही उन्हें रणनीतिक जोखिम में कमी के लिए सहयोग को मजबूत करना चाहिए। रणनीतिक विश्वास को बढ़ाने के लिए रणनीतिक सुरक्षा मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर रणनीतिक वार्ता आगे बढ़ानी चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन गैर-परमाणु-हथियार वाले देशों और परमाणु-हथियार-मुक्त क्षेत्रों के खिलाफ परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं करने या धमकी देने की नीति के प्रति बिना शर्त प्रतिबद्ध है। चीन के परमाणु हथियारों की संख्या का खुलासा किए बिना उन्होंने अमेरिका और रूस से अपने परमाणु हथियारों को कम करने का आह्वान किया।
परमाणु शक्ति के पैमाने में किसी अन्य देश के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं
उन्होंने कहा कि चीन हमेशा अपनी परमाणु क्षमता को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक न्यूनतम स्तर पर रखता है। परमाणु शक्ति के आकार या पैमाने में किसी अन्य देश के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं करता है। हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि चीन ने अब तक यह खुलासा नहीं किया है कि उसके पास कितने मुखास्त्र हैं, लेकिन स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के आकलन के अनुसार उसके पास यह 320 है जबकि रूस के पास 54,000 और अमेरिका के पास 70,000 है।