- दुबौला में उमेश तो बिशुनपुरा में दीनदयाल मिश्र को मिला दोबारा मौका
- जिला पंचायत परिणाम को लेकर हुआ विवाद, उर्मिला सिंह जीतीं, दीपिका ने की पुनर्मतगणता की मांग
दिनेश कुमार/गौर (बस्ती)। पूरे बस्ती जिले में हुए पंचायत चुनावों का परिणाम आ गया है। जिसमें जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) एवं ग्राम प्रधानों का नवनिर्वाचन छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण रहा। कोरोना काल के बावजूद बड़ी संख्या में मतदाता घर से बाहर वोट डालने के लिए निकले तथा मतगणना केंद्रों पर भी लोगों का हुजूम उमड़ा। परिणाम आने के बाद जीतने वालों ने मिठाई बांटी माला पहनी तथा हारने वाले उम्मीदवार चुपके से अपने घर की तरफ रवाना हो गए। दुबौला क्षेत्र में आने वाले दुबौला ग्राम प्रधान के लिए दोबारा मैदान में उतरे प्रत्याशी उमेश कुमार 7 वोटों से विजयी हुए तथा बिशुनपुरा ग्राम सभा से श्रीमती उर्मिला देवी पत्नी दीनदयाल मिश्रा अच्छे मतों यानि लगभग 150 के अंतर से अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार राजू मिश्रा को पराजित किया। यहां पहली बार चुनाव मैदान में उतरे विनोद कुमार तीसरे स्थान पर रहे। उर्मिला देवी के पति दीनदयाल मिश्र वर्तमान में यहां के ग्राम प्रधान थे।
उत्तर प्रदेश बस्ती जिले में गौर ब्लाक के लिए कृषक इंटर कॉलेज गौर में बनाए पंचायत चुनाव मतगणना केंद्र पर सुबह से ही लोगों की भीड़ जमा हो गई। सभी अपने-अपने परिणाम देखने के लिए उत्सुक नजर आए। कुछ लोगों को दोपहर तक परिणाम तो मिल गया लेकिन बाकियों को देर रात तक इंतजार करना पड़ा वहीं जिला पंचायत सदस्यों के वोटों की गिनती दूसरे दिन दोपहर को समाप्त हुआ।
इनके अलावा आसपास के क्षेत्रों से जो ग्राम प्रधान जीते हैं उनमें बैदोलिया ग्रामसभा से नीलेश पांडे ने अपने प्रतिद्वंदी डेली को पराजित करके पहली बार प्रधान बने हैं वहीं ग्रामसभा हरदी से गुलाम शाहिद, गयाजीतपुर से अखिलेश चौधरी, इटहिया से राहुल तिवारी, मुड़िलवा से दीनदयाल चौहान, लोढ़वा से सोनू यादव, कटरा से अल्तमस अहमद, सिकटा से लड्डू यादव, मदनपुरा से छोटकू, बेलघाट से उर्मिला देवी, पतिला से दिलीप कुमार, मिरवापुर से काशीराम, भरवलिया से अशरफी, चनईपुर से सुधा देवी, बड़ोखर से गोविंद चौहान आदि अपने प्रतिद्वंदियों को पराजित कर प्रधान चुने गए हैं।
इस दौरान गौर प्रथम से जिला पंचायत के परिणाम को लेकर विवाद हुआ जिसमें मतगणना के प्रथम दौर में लड्डन खान आगे चल रहे थे तथा दूसरे नंबर पर दीपिका गौतम चल रही थीं लेकिन मतगणना समाप्त होते-होते हैपी सिंह की मां उर्मिला सिंह को विजयी घोषित कर दिया गया। जिसे लेकर विवाद हो गया। दीपिका गौतम की तरफ से पुनर्मतगणना की मांग की गई, जिसके बाद काफी मशक्कत के बाद दोबारा मतगणना हुआ लेकिन उसमें भी उर्मिला सिंह को ही विजयी घोषित किया गया।