नई दिल्ली। एक तरफ जहां भारत पाकिस्तान से संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान की कोशिश तनाव जारी रखने की है। ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की जुबान पर आखिरकार भारत से संबंध बेहतर बनाने की सच्चाई सामने आ ही गई है। दरअसल, ये सच्चाई उस समय सामने आई जब वो टेलिथॉन के माध्यम से लोगों द्वारा किए जा रहे सवालों का जवाब दे रहे थे।
पाकिस्तान के अखबार द डॉन की खबर के मुताबिक इसके थर्ड पब्लिक इंट्रेक्शन के दौरान जब गुलाम कश्मीर के एक व्यक्ति ने उनसे जानना चाहा कि इकनॉमिक को-ऑर्डिनेट कमेटी ने भारत से चीनी, यार्न और कॉटन का व्यापार करने को अपनी मंजूरी दी थी, लेकिन बाद में इसको कैबिनेट की बैठक में खारिज कर दिया गया। इसके जवाब में इमरान खान ने कहा कि भारत के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं।
उनके इस जवाब में इमरान खान ने फिर से इशारों ही इशारों में जम्मू कश्मीर का दुखड़ा भी रो दिया। आपको बता दें कि जब से केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया है और उसको दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया है तभी से इमरान खान अपने घडि़याली आंसू बहा रहे हैं। उन्होंने अपने जवाब में कहा कि जब तक भारत जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा वापस नहीं देता तब तक उसके साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं। गौरतलब है कि भारत ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था।
आपको बता दें कि भारत सरकार द्वारा किए गए इस फैसले के खिलाफ इमरान खान ने पूरी दुनिया में समर्थन जुटाने की पूरी कोशिश की लेकिन कहीं भी उसकी दाल नहीं गली। यहां तक की सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश जो कभी उसके काफी करीबी हुआ करते थे, ने इस मुद्दे पर न सिर्फ पाकिस्तान से किनारा कर लिया बल्कि इस मुद्दे को भारत का आंतरिक मामला बताकर इमरान सरकार को जबरदस्त झटका देने का भी काम किया है।
सऊदी अरब ने तो पाकिस्तान को बेहद स्पष्ट शब्दों में इस मामले को किसी भी तरह के अंतरराष्ट्रीय मंच पर न उठाने की नसीहत तक दे डाली थी। पाकिस्तान को इस मुद्दे पर केवल चीन, तुर्की और मलेशिया का ही साथ मिल सका। थर्ड पब्लिक इंट्रेक्शन के दौरान इमरान ने कहा कि उन्होंने कश्मीर के मुद्दे को हर जगह उठाया है। इससे पहले इस तरह से पाकिस्तान की किसी सरकार ने मुद्दा नहीं उठाया था। उन्होंने ये भी कहा कि कैबिनेट ने भारत के साथ कारोबार करने के के विचार पर ये तय किया है कि संबंध सामान्य होने तक पाकिस्तान ऐसा कुछ नहीं करेगा।