बेंगलुरु। कर्नाटक के मंत्री बीसी पाटिल को अस्पताल जाने के बदले अपने घर में ही कोरोना वैक्सीन लगवाना महंगा पड़ गया। चारों तरफ से मिली आलोचना के बाद हावेरी के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेंद्र डोड्डामानी ने तालुक स्वास्थ्य अधिकारी आर मकरंदर को मंत्री के घर वैक्सीन पहुंचाने के मामले में निलंबित कर दिया गया। बता दें कि इससे पहले इस मामले में मकरंदर को नोटिस जारी किया था।
बता दें कि मामले के तूल पकड़ने के बाद केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने संवाददाता सम्मेलन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा था कि दिशानिर्देशों के तहत इसकी अनुमति नहीं है और ये उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी गई है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर और अन्य लोगों ने मंत्री के घर में कोरोना टीका लगाने को लेकर जमकर आलोचना की। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रोटोकॉल के मुताबिक, ये टीका अस्पताल जा कर लगवाना है, लेकिन मंत्री जी ने घर पर लगवाया। साथ ही कहा कि मेडिकल टीम को उन्हें अस्पताल पहुंचने के लिए राजी करना चाहिए था। बता दें कि 2 मार्च को मंत्री पाटिल और उनकी पत्नी ने हावेरी जिले में अपने हीरेकेरूर स्थित आवास में टीका लगवाया था। घर पर टीका लेने को लेकर सोशल मीडिया पर भी कई सवाल उठे। इसके बाद पाटिल ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है और वो जनता को परेशानी से बचाना चाहते थे।