बीजिंग:चीन के खिलाफ भारत के साथ-साथ अमेरिका में भी तेवर सख्त होते जा रहे हैं। अमेरिका में चीन की तीन कंपनियों को बाहर करने की तैयारी चल रही है। चीन की सरकार ने प्रौद्योगिकी और सुरक्षा पर छिड़े नये विवाद के मद्देनजर सरकारी स्वामित्व वाली तीन कंपनियों को बाजार से बाहर करने की अमेरिकी योजना की निंदा की है।
अमेरिका में फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन ने बुधवार को कंपनियों के अमेरिकी लाइसेंस को रद्द करने के लिये मतदान किया। कमीशन ने कहा कि ये कंपनियां चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के द्वारा नियंत्रित हैं, अत: सुरक्षा पर जोखिम हैं।
चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका पर चीनी वाणिज्यिक प्रतियोगियों को चोट पहुंचाने के लिये सुरक्षा के मुद्दे का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि अमेरिका को राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा को हर जगह लागू करने और आर्थिक मुद्दों का राजनीतिकरण करने के गलत चलन को रोकना चाहिये।
अलास्का में होने वाली बैठक अमेरिका-चीन संबंधों की एक नयी परीक्षा
अमेरिका और चीन के शीर्ष अधिकारी जब अलास्का में मुलाकात करेंगे तो दोनों देशों को तनाव में चल रहे संबंधों की एक नयी परीक्षा का सामना करना पड़ेगा। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संबंधों में टकराव चल रहा है और राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने अभी ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है कि वह पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन के दौरान उठाए गए कठोर कदमों से हाथ पीछे खींचने के लिए तैयार हैं। न ही चीन ने दबाव कम करने के संकेत दिए हैं। हालांकि, दोनों देशों के बीच आज पहली आमने-सामने की बैठक के लिए मंच तैयार हो गया है।
विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवन चीन के शीर्ष दो राजनयिक स्टेट काउंसिलर वांग यी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के प्रमुख यांग जिएची अलास्का के एंकरेज में मुलाकात करेंगे। बैठक में व्यापार और तिब्बत, हांगकांग, चीन के पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र, ताइवान में मानवाधिकारों, दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक कदमों और कोरोना वायरस वैश्विक महामारी पर चर्चा हो सकती है। बैठक में किसी तरह के समझौते की कोई उम्मीद नहीं है।
बैठक से महज एक दिन पहले ब्लिंकन ने हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों पर चीन की कार्रवाई को लेकर अधिकारियों पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की। इसके जवाब में चीन ने अपने घरेलू मामलों में अमेरिकी के हस्तक्षेप का विरोध तेज कर दिया। व्हाइट हाउस को एंकरेज में होने वाली आमने-सामने की पहली बैठक को लेकर खास अपेक्षाएं नहीं हैं।