माइग्रेन का नाम सुनते ही सबसे पहला ख्याल सिर में होने वाले तेज दर्द का आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं माइग्रेन का दर्द सिर्फ सिर दर्द से ही बेहाल नहीं करता बल्कि कई बार यह पेट दर्द की भी समस्या पैदा कर सकता है। अगर यह सुनकर आप हैरान हो रहे हैं तो आइए आपको बताते हैं आखिर क्या होता है पेट में होने वाले माइग्रेन यानी एब्डॉमिनल माइग्रेन और क्या हैं इसके लक्षण और बचाव के उपाय।
क्या होता है एब्डॉमिनल माइग्रेन-
एब्डॉमिनल माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति के सिर की ही तरह पेट में तेज दर्द होता है। पेट में होने वाले इस माइग्रेन के दर्द को ‘एब्डॉमिनल माइग्रेन’ कहते हैं। इसमें पेट में तेज दर्द, मरोड़, थकान और उल्टी भी हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो इस तरह का माइग्रेन दर्द अनुवांशिक कारणों से ज्यादा होता है।
एब्डॉमिनल माइग्रेन का खतरा किसे सबसे ज्यादा-
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस तरह के माइग्रेन के दर्द के शिकार आमतौर पर छोटे बच्चे होते हैं। इस तरह के माइग्रेन का सबसे ज्यादा खतरा उन बच्चों को होता है जिनके माता-पिता पहले से माइग्रेन के शिकार होते हैं। इन बच्चों को बड़े होकर सिर के माइग्रेन की शिकायत की संभावना भी सबसे ज्यादा होती है।
एब्डॉमिनल माइग्रेन का कारण-
डॉक्टरों की मानें तो शरीर में बनने वाले दो कंपाउंड हिस्टामाइन और सेरोटोनिन इस तरह के दर्द के लिए जिम्मेदार होते हैं। शरीर में ये दोनों ही कंपाउंड अधिक तनाव लेने और अवसाद के कारण बनते हैं।इसके अलावा चाइनीज फूड्स में इस्तेमाल किया जाने वाला मोनोसोडियम ग्लूटामेट, प्रोसेस्ड मीट और चॉकलेट का अधिक सेवन करने से भी शरीर में ये कंपाउंड बनने लगते हैं।
एब्डॉमिनल माइग्रेन के लक्षण-
-पेट में तेज दर्द की समस्या
-भूख कम लगना और खाने-पीने का मन न करना
-आंखों के नीचे काले घेरे आना
-पेट का रंग पीला दिखाई देना
एब्डॉमिनल माइग्रेन का उपचार-
एब्डॉमिनल माइग्रेन के सही-सही कारण का अब तक पता नहीं लगाने की वजह से कई बार यह समस्या बेहद गंभीर हो जाती है। चिकित्सक इसका इलाज सामान्य माइग्रेन की तरह करते हैं, जिससे कई बार रोगी को पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। जब कभी एब्डॉमिनल माइग्रेन का कोई लक्षण बच्चे में दिखाई दे तो उसे बिना देर किए तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।