राजकुमार गौतम/कप्तानगंज (बस्ती)। जिले के कप्तानगंज विधानसभा एवं गौर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले बिशुनपुरा ग्राम पंचायत में 27 फरवरी 2021, को संत शिरोमणि संत श्री रविदास जयंती के शुभ अवसर पर बोधिसत्व भारत रत्न बाबा साहब डॉक्टर बी आर अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की गई। स्थानीय लोगों के अथक प्रयासों से स्थापित इस प्रतिमा का अनावरण ग्राम प्रधान दीनदयाल मिश्र एवं समाज के प्रतिष्ठित लोगों द्वारा किया गया। इस शुभ अवसर पर भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में मौजूद जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि चंद्र प्रकाश गौतम ने कहा कि भारत रत्न से सम्मानित डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर को एक विश्वस्तरीय विधिवेत्ता, भारतीय संविधान के निर्माता और करोड़ों शोषितों, वंचितों दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को सम्मानीय जीवन देने के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर तीनो गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने वाले गैर कांग्रेसी प्रथम नेता थे। डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महु (मध्य प्रदेश) के एक अस्पृश्य परिवार मे हुआ था, एक सर्वे में कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने डॉक्टर आंबेडकर को विश्व का नंबर वन स्कॉलर घोषित किया था, उन्हें भारत में दलित आंदोलनों का अग्रणी नेता भी माना जाता है।
इस कार्यक्रम में समाज के काफी लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जिनमें दुबौला प्रधान प्रतिनिधि उमेश कुमार, बिशुनपुरा ग्रामसभा से ग्राम प्रधान पद के मजबूत प्रत्याशी विनोद कुमार, मनोज कुमार, अर्जुन, श्याम सुंदर, पलटन राव, सूर्यभान, आसाराम, जंग बहादुर, गंगाराम, सजीवन, सुरेंद्र कुमार बरहना ग्राम से राजेश कुमार अर्जुनडीहा से पृथ्वीपाल, दिलीप कुमार, अश्वनी कुमार सहित क्षेत्र के सैकड़ों लोग मौजूद रहे तथा सभी ने बाबा साहेब को नमन करते हुए उनके बताए रास्ते पर चलने की बात कही।
संत शिरोमणि श्री रविदास जयंती की भी इस दिन धूम रही। क्षेत्र में जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें बढ़-चढ़कर लोगों ने हिस्सा लिया। उल्लेखनीय है कि संत श्री रविदास जयंती पूरे भारतवर्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। सतगुरु रविदास जी भारत के उन विशेष महापुरुषों में से एक हैं जिन्होंने अपने आध्यात्मिक वचनों से सारे संसार को एकता, भाईचारा पर जोर दिया एवं कुरीतियों, भेदभाव पर खुलकर चोट किया। रविदास जी की अनूप महिमा को देख कई राजा और रानियाँ इनकी शरण में आकर भक्ति मार्ग से जुड़े। जीवन भर समाज में फैली कुरीति जैसे जात-पात के अंत (अन्त) के लिए काम किया।
बिशुनपुरा में बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण
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