नई दिल्ली:भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत की है। दोनों के बीच में पूर्वी लद्दाख में डिसइंगेजमेंट और मॉस्को एग्रीमेंट को लेकर चर्चा हुई। पूर्वी लद्दाख में पिछले साल अप्रैल महीने से तनावपूर्ण स्थिति कायम थी, जिसके बाद हाल ही में हालात में सुधार आया है। कई दौर की बातचीत के बाद, पैंगोंग सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से दोनों देशों की सेनाओं ने डिसइंगेजमेंट किया है। साथ में महीनों से वहां तैनात किए गए हथियारों को भी पीछे ले जाया गया। भारत की सेना फिंगर 3 तक वापस आई, जबकि चीनी सेना फिंगर 8 तक वापस गई है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बातचीत के बारे में जानकारी देते हुए ट्वीट किया, ”आज दोपहर को विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत की। मॉस्को समझौते के कार्यान्वयन पर चर्चा की और डिसइंगेजमेंट की स्थिति की समीक्षा की।” विदेश मंत्रालय ने इससे पहले कहा कि चीन के साथ सैनिकों के पीछे हटने के समझौते के तहत भारत ने किसी भी क्षेत्र पर दावा नहीं छोड़ा है।
डिसइंगेजमेंट पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा, ”यथास्थिति में एकतरफा बदलाव को रोका है। म्यूचुअल रि-डिप्लोएमेंट की गलत व्याख्या नहीं की जानी चाहिए। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हमारी स्थिति के संबंध में बिल्कुल कोई बदलाव नहीं हुआ है।”
उधर, पैंगोंग सो से हुए डिसइंगेजमेंट के बाद अब भारत और चीन के बीच अन्य इलाकों से डिसइंगेजमेंट पर बातचीत हो रही है। हाल ही में दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों ने 16 घंटे तक बातचीत की थी। चीनी पक्ष मोल्डो में हुई इस बैठक में दोनों पक्षों ने गोगरा हाइट्स, हॉट स्प्रिंग्स और डेपसांग प्लेन्स में डिसइंगेजमेंट पर चर्चा की थी। एक संयुक्त बयान में दोनों देशों ने कहा कि पैंगोंग झील क्षेत्र से सैन्य वापसी पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अन्य मुद्दों के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।