तिरुवंतपुरम। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महिलाओं के लिए खोले जा रहे मशहूर सबरीमाला मंदिर के कपाट खुलने से पहले हिंसा होने लगी है। आज कपाट खुलना है लेकिन इसके विरोध हिंसात्मक रूप लेने लगी है। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर लगे बैन को हटा दिया था, जिसपर विवाद हो रहा है। मंदिर से जुड़े लोग और स्वामी अयप्पा के अनुयायी इस फैसले को उनकी आस्था के खिलाफ बता रहे हैं।
सबरीमाला मंदिर में सभी लड़कियों और महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से मंदिर के द्वार आज खुलने जा रहे हैं। आज शाम 5 बजे सबरीमाला मंदिर के कपाट खुलने हैं। बुधवार को मंदिर के पास काफी बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित है। बड़ी संख्या में महिलाएं मंदिर में प्रवेश के लिए जा रही हैं, तो वहीं हजारों की संख्या में लोग उन्हें रोकने की कोशिश में लगे हुए हैं। सुबह से यहां चल रहा प्रदर्शन अब धीरे-धीरे हिंसक रूप लेता जा रहा है।
मीडिया खबरों के अनुसार, कुछ प्रदर्शनकारियों ने बसों पर पथराव किया तथा मीडियाकर्मियों को भी बनाया निशाना। प्रदर्शनकारी मीडिया की गाड़ियों पर हमला कर रहे हैं। महिलाओं के मंदिर में प्रवेश का विरोध कर रहीं मंदिर के बोर्ड के पूर्व प्रेसिडेंट गोपालकृष्णन की पत्नी को हिरासत में ले लिया गया है। उनके अलावा करीब 50 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है।
नल्लिकेल इलाके में 3 जगह प्रदर्शन चल रहा है, इनमें 2 जगह संघ परिवार की तरफ से प्रदर्शन किया जा रहा है और 1 प्रदर्शन कांग्रेस की तरफ से किया जा रहा है। सभी मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं। नल्लिकेल और पम्पा बेस पर करीब 1000 से अधिक सुरक्षाकर्मी, जिनमें 800 पुरुष और 200 महिलाएं शामिल हैं। इनके अलावा 500 से अधिक अन्य सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 साल की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से रोकने की सदियों पुरानी परंपरा को गलत बताते हुए उसे खत्म कर दिया था और सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश करने की इजाजत दी थी। उस आदेश के बाद से बुधवार 17 अक्टूबर को शाम पांच बजे पहली बार मंदिर के द्वार खुलेंगे। वहीं, हालात को सुलझाने के लिए त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीबी) की आखिरी कोशिश बेकार रही, जहां पंडालम शाही परिवार और अन्य पक्षकार इस मामले में बुलाई गई बैठक को मंगलवार को छोड़कर चले गए. शीर्ष अदालत के आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने के मुद्दे पर बातचीत करने में बोर्ड की अनिच्छा से ये लोग निराश दिखे।
इस अति संवेदनशील विषय पर कठिन समय का सामना कर रहे मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंदिर में प्रवेश से श्रद्धालुओं को रोकने की कोशिश करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, ‘हम सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। मेरी सरकार सबरीमला के नाम पर कोई हिंसा नहीं होने देगी।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘श्रद्धालुओं को सबरीमाला जाने से रोकने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर समीक्षा की मांग नहीं करने के सरकार के फैसले पर फिर से विचार किए जाने की संभावना खारिज कर दी। विजयन ने कहा, ‘हम सुप्रीम कोर्ट के कहे का पालन करेंगे।’
सबरीमाला में हिंसा, मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के सुप्रीम कोर्ट फैसले का विरोध
Leave a comment
Leave a comment