वॉशिंगटन:दुनियाभर में ऐसे काफी कम देश हैं, जो चीन के बराबर बदनाम हैं। चीन अपनी कई तरह की क्रूरताओं के लिए दुनियाभर में कुख्यात है। ऐसी ही एक क्रूरता वह अपने देश में रह रहे उइगर मुसलमानों के साथ कई वर्षों से करता आ रहा है। लेकिन अब चीन सिर्फ अपने यहां रहने वाले उइगर समुदाय पर नजर नहीं रख रहा है, बल्कि उसकी नजर दुनियाभर के अन्य देशों तक पहुंच गई है। चीन ने एक सोशल मीडिया सर्विलांस सिस्टम खड़ा किया है, जिसकी मदद से वह अन्य देशों में रह रहे उइगर मुस्लिमों पर नजर रखा हुआ है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेशनल ओपिनियन को लेकर चिंतित चीनी कम्युनिष्ट पार्टी ने फेसबुक, ट्विटर, वी-चैट जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को मॉनिटर करना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वीडन में बसी नइरोला एलिमा को चीनी अधिकारियों की दमनकारी कार्रवाई का सामना करना पड़ा। सितंबर 2020 में, उसकी एक रिश्तेदार मायिला याकुफू को यिनिंग डिटेंशन सेंटर में स्थित एक चीनी इंटर्नमेंट कैम्प से मुक्ति मिली। इसके बाद एलिमा ने वीडियो कॉल के जरिए से याकूफू से संपर्क किया।
एलिमा ने बताया, ”शुरुआत में, मैं उसे पहचान नहीं सकी, क्योंकि वह काफी कमजोर दिखाई दे रही थी। उसके बाल भी काफी छोटे थे। वह काफी घबरा गई थी और उसमें मेरे सामने ज्यादा बोलने की हिम्मत भी नहीं थी।” एमिला ने तुरंत यह बात याकुफू के ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले पैरेंट्स और उनकी बहन को बताई। अधिकारियों की मानें तो याकुफू का अपराध यह था कि उसने अपनी बचत को ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले अपने माता-पिता तक पहुंचा दिया था, ताकि वे घर खरीद सकें। इसके बाद चीनी अधिकारियों ने तुरंत ही उसकी आजादी को छीनते हुए पश्चिमी शिनजियांग में एक अस्पताल में भर्ती करवा दिया।
सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अधिकारियों ने अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए कोई वजह तो नहीं बताई, लेकिन उनके आंटी और अंकल को एक संदेश दिया कि वे अपनी बेटी को नाइरोला को ट्वीट करने से रोक दें। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, 2017 से 20 लाख उइगर, कजाक्स और अन्य अल्पसंख्यक लोग कैम्प सिस्टम से गुजर चुके हैं।
चीन द्वारा बड़े पैमाने पर निगरानी तंत्र की सीमा उइगर पर नजर रखने के लिए कई गुना बढ़ गई है। चीन इस समुदाय से जुड़े लोगों को लंबी दाढ़ी या हेडस्कार्व के नाम पर कैम्प भेज देता है। खुद को अन्य देशों में अपमानित होने से बचाने के लिए, चीनी अधिकारी विदेशों में रहने वाले उइगरों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की निगरानी कर रहे हैं।