मुंबई:एक्टर ऋतिक रोशन के चार साल पुराने केस को क्राइम ब्रांच इंटेलिजेंस यूनिट (सीआईयू) को ट्रांसफर कर दिया गया है। एक्ट्रेस कंगना रनौत से जुड़े इस मामले की जांच पहले साइबर पुलिस कर रही थी। ऋतिक रोशन के वकील ने महेश जेठमलानी ने हाल ही में मुंबई पुलिस को लेटर लिखकर बताया कि 2016 से इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है।
मालूम हो कि ऋतिक रोशन ने साल 2016 में कंगना के अकाउंट से 100 से ज्यादा ई-मेल मिलने पर शिकायत दर्ज कराई थी। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि की है कि सीआईयू पता लगाएगा कि कहां पर जांच रुक गई थी और आगे की जांच शुरू की जाएगी।
ऋतिक रोशन ने 2016 में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 419 और आईटी एक्टर की धारा 66 (सी) और 66 (डी) के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआई दर्ज कराई थी। इस केस में कंगना रनौत का नाम सामने आया था। पुलिस ने फेक ई मेल मामले में कंगना और उनकी बहन का बयान दर्ज किया था।
दोनों के बीच यह विवाद तब शुरू हुआ था जब कंगना ने ऋतिक का नाम लिए बिना उन्हें अपना एक्स बताया था। कंगना ने दावा किया था वह ऋतिक रोशन के साथ रिलेशनशिप में थी और उन्होंने उन्हें कई ई-मेल किए हैं। इस पर ऋतिक रोशन ने कहा था कि जिस आईडी से कंगना रनौत को ई-मेल भेजे गए हैं वह उनका नहीं है बल्कि कोई फ्रॉड इंसान है जो उनके नाम का इस्तेमाल कर कंगना से बात कर रहा है।
इसके बाद ऋतिक रोशन ने यह जानने के लिए केस दर्ज कराई थी कि उस आईडी को कौन ऑपरेट कर रहा है, जिससे कंगना रनौत को मेल किए गए। हालांकि पुलिस अभी तक यह पता नहीं लगा पाई है लेकिन एक पुलिस ऑफिसर ने बताया था कि ई-मेल एक यूएस सर्वर से आए थे और डाटा के आभाव में यूजर का पता नहीं लगाया जा सका है। पुलिस ने बाद में एक्टर के मोबाइल को जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री भेजा था। वहीं, कंगना ने पुलिस को अपना डिवाइस सबमिट नहीं किया था।