नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन से जारी तनाव को देखते हुए भारतीय सेना ने एक साथ चीन और पाकिस्तान से युद्ध की तैयारियां करने पर विचार शुरू कर दिया है। दो मोर्चों पर लड़ाई के लिए सेना ने दोनों देशों के खिलाफ एक साथ लड़ने के तरीके में बदलाव करने का इरादा कर लिया है।
अब तक पाकिस्तानी सीमा पर रहा है फोकस
हाल के दिनों तक भारतीय सेना का पूरा फोकस पाकिस्तानी सीमा पर था। लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) सक्रिय नहीं हैं। इसीलिए सैन्य अभियान की तैयारी मुख्यत: पश्चिमी सीमा की ओर अधिक रहती रही है। उत्तरी सीमा पर तैनात युद्धक चार कोर में से एक ही पर्वतीय युद्ध कौशल वाली है।
नया युद्धक कोर के तैनाती की नहीं होगी जरूरत
सरकारी सूत्रों के अनुसार मौजूदा तनाव को देखते हुए सीमा पर कोई अतिरिक्त बल या नया युद्धक कोर तैनात करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मौजूदा टुकडि़यों की ही तैनाती में थोड़े फेरबदल के साथ चीन और पाकिस्तान का मुकाबला किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सेना मुख्यालय की ओर से इस संबंध में विभिन्न प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है।
एलएसी पर जरूरतों को देखते हुए विचार
एलएसी पर अतिरिक्त तैयारियों की जरूरतों को देखते हुए विभिन्न सैन्य कमांडरों के सुझावों पर भी विचार किया जाएगा। जिस तरह भी इन टुकडि़यों का स्वरूप निर्धारित होगा। यह फैसले विचार-विमर्श से तय होंगे। यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जब पूर्वी लद्दाख में चीन से तनाव चल रहा है।
एलएसी पर टैंकों की हुई है तैनाती
PLA के जमावड़े को देखते हुए भोपाल की 21 युद्धक कोर, मथुरा और अंबाला की खरगा कोर सशस्त्र बल चीन से लगी पश्चिमी, मध्य और उत्तरी सीमा पर तैनात है। तेरह लाख सैन्य बलों को नए क्रम में तैयार करने के लिए एक बड़ी कवायद हो रही है। भारतीय सेना बीएमपी, टी-90 और टी-72 टैंकों को सेना ने बड़ी तादाद में तैनात किया है।