मुंबई: हिन्दू जनजागृती समिति के द्वारा ‘दि वायर’ के संपादक व् मालिक के विरुद्ध, भारत माता के महान सपूतों में से एक, मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज का, दिनांक 8 अक्टूबर को प्रकाशित एक लेख में घोर अपमान करने के कारण पुलिस में शिकायत दर्ज की गई। हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने इस लेख की कड़ी निंदा करते हुए ‘दि वायर’ के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से इस प्रकरण में तत्काल क्षमायाचना करने और उपरोक्त समाचार तत्काल प्रभाव से हटाने की सख़्त मांग की है ।इसके साथ ही उन्होंने अखिल हिन्दू समाज की सार्वजनिक क्षमा मांगकर उसे प्रकाशित करने की हिदायत देते हुए कहा कि ऐसा न करने पर इस प्रकरण से सम्बंधित ‘दि वायर’ के पदाधिकारियों को न्यायालय में खींचा जाएगा क्योंकि हिन्दू समाज छत्रपति शिवाजी महाराज का किसी प्रकार से किया गया अपमान सहन नहीं करेगा।
भारतवासियों की भावनाओं को आहत करते इस बेहद निंदनीय लेख को ‘दि वायर’ नामक ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर ‘By Attacking the Mughals, Adityanath Is Erasing the History of His Own Nath Samprady’ शीर्षक के अंतर्गत प्रकाशित किया गया है जिसे क्रिस्टीन मारेवा कारवोस्की नामक महिला पत्रकार द्वारा लिखा गया है। उत्तर प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी ने ‘मुगल म्युजियम’ का नामांतरण ‘छत्रपति शिवाजी महाराज म्युजियम’ के नाम से करने की घोषणा की है। इस पर आलोचना करने वाले इस लेख में कहा है कि ‘छत्रपति शिवाजी महाराज हिन्दू राष्ट्रवाद के आतंकवादी हिन्दुत्व के सर्वाधिक प्रिय प्रतीक हैं।’
हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने बताया कि, इसके विरुद्ध मुंबई के विक्रोळी में श्री. प्रभाकर भोसले, अमरावती मेें श्री. रोशन मुळे तथा रायगड के श्री. रोहिदास शेडगे द्वारा पुलिस में शिकायतें की गई हैं । इस शिकायत में कहा है कि, ‘दि वायर’ के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन, सिद्धार्थ भाटिया, एम.के.वेणु और लेखिका क्रिस्टीन मारेवा कारवोस्की के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता धारा 153 अ, 295 अ और 34 के अनुसार अपराध प्रविष्ट किया जाए और आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
भारत के वीर सपूतों में से एक श्रीमंत छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में सभी लोग जानते हैं। बहुत से लोग इन्हें हिन्दू हृदय सम्राट कहते हैं तो कुछ लोग इन्हें मराठा गौरव कहते हैं, जबकि वे भारतीय गणराज्य के महानायक थे। राष्ट्र को विदेशी और आतताई राज्य-सत्ता से स्वाधीन करा सारे भारत में एक सार्वभौम स्वतंत्र शासन स्थापित करने का एक प्रयत्न स्वतंत्रता के अनन्य पुजारी वीर प्रवर शिवाजी महाराज ने भी किया था। इसी प्रकार उन्हें एक अग्रगण्य वीर एवं अमर स्वतंत्रता-सेनानी स्वीकार किया जाता है। वीर शिवाजी पर अक्सर मुस्लिम विरोधी होने का दोषारोपण किया जाता रहा है, पर यह सत्य इसलिए नहीं क्योंकि उनकी सेना में तो अनेक मुस्लिम नायक एवं सेनानी थे ही, अनेक मुस्लिम सरदार और सूबेदारों जैसे लोग भी थे। वास्तव में शिवाजी महाराज का सारा संघर्ष उस कट्टरता और उद्दंडता के विरुद्ध था, जिसे औरंगजेब जैसे शासकों और उसकी छत्रछाया में पलने वाले लोगों ने अपना रखा था।
इस प्रकार के लेख व् न्यूज़ पोर्टल पत्रकारिता के दिन प्रतिदिन गिरते स्तर के परिचायक हैं। पत्रकारिता के नाम पर अपना धंधा चलाने वाले ऐसे लोगों, संस्थाओं का हमें घोर विरोध करना होगा अन्यथा भारत के गौरवशाली इतिहास और हमारे वीर योद्धाओं के बलिदान को ऐसे लोग अपनी कुत्सित व् जहरीली मानसिकता के ज़रिये विषाक्त करते रहेंगे।