मुंबई:रिटेल कंपनी अमेजन ने फ्यूचर समूह के प्रमोटर्स को लीगल नोटिस भेजा है। इसमें यह आरोप लगाया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के साथ जो उसने डील की है, उससे नॉन-कंपीट कांट्रैक्ट के नियमों का उल्लंघन हुआ है।
बुधवार को भेजी गई नोटिस
जानकारी के मुताबिक अमेजन ने बुधवार को यह लीगल नोटिस भेजी है। बता दें कि अगस्त में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा था कि उसकी रिटेल यूनिट रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरवीआरएल) किशोर बियानी वाले फ्यूचर समूह से रिटेल और होलसेल बिजनेस, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग बिजनेस को खरीद रहा है। इसके एवज में रिलायंस रिटेल ने कुल 24,713 करोड़ रुपए चुकाने का फैसला किया था।
अमेजन ने फ्यूचर कूपंस में ली थी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी
अगस्त 2019 में अमेजन ने फ्यूचर कूपंस में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके लिए अमेजन ने 1,500 करोड़ रुपए का पेमेंट किया था। बाद में फ्यूचर रिटेल में अमेजन ने 7.3 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी। फ्यूचर रिटेल 1,000 स्टोर को चलाता है जिसमें बिग बाजार, एफबीबी, फूडहाल औऱ् ईजीडे क्लब ब्रांड्स है।
क्राइटीरिया को पूरा नहीं करती है डील
अमेजन ने लीगल नोटिस में आरोप लगाया है कि फ्यूचर ग्रुप ने डील की योग्यता (क्राइटीरिया) को पूरा नहीं किया है। अमेजन-फ्यूचर ग्रुप विवाद से अब यह आशंका बन रही है कि मामला कोर्ट में भी जा सकता है। साथ ही ऑर्बिट्रेशन प्रोसेस भी शुरू हो सकता है। इस खबर से पहले दिन में आज रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 2.13 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ था। फ्यूचर ग्रुप का शेयर 1.89 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ था।
रिलायंस रिटेल में करीबन 10 प्रतिशत बिकी है हिस्सेदारी
बता दें कि रिलायंस रिटेल में अब तक कुल 10 प्रतिशत के करीब हिस्सेदारी बेची गई है। इससे मुकेश अंबानी की कंपनी ने 37 हजार करोड़ रुपए जुटा लिए हैं। उधर किशोर बियानी की कंपनी फ्यूचर समूह लगातार उधारी पर डिफॉल्ट हो रही है। कंपनी बुधवार को भी एक पेमेंट के मामले में डिफॉल्ट कर गई। बता दें कि भारी-भरकम कर्ज के कारण किशोर बियानी की कंपनी को कई बार डिफॉल्ट होना पड़ा। इसके बाद ही उन्होंने इसे रिलायंस रिटेल को बेचने का फैसला किया था।
रिलायंस रिटेल में खेल रही है बड़ा दांव
बता दें कि इस समय रिलायंस रिटेल देश में 12 हजार स्टोर को करीब चलाती है और मुकेश अंबानी रिटेल पर बड़ा दांव खेल रहे हैं। रिलायंस रिटेल का इक्विटी वैल्यूएशन इस समय 4.28 लाख करोड़ रुपए है। इसमें लगातार हिस्सेदारी बेची जा रही है। अब तक करीबन 8 कंपनियों ने इसमें पैसे लगाए हैं। रिलायंस रिटेल, जियो मार्ट के साथ डिजिटल डिलिवरी भी कर रही है।