मुंबई। चेंबूर महिला मंडल द्वारा प्रेक्षा ध्यान के स्वर्ण जयंती वर्ष पर हर रविवार 4 से 5 प्रेक्षा ध्यान की क्लास शुरू की गई। प्रेक्षा ध्यान क्लास की शुरुआत नवकार मंत्र से की गई। सह संयोजिका लीना सिंघवी ने प्रेक्षा ध्यान गीत का संगान किया। संयोजिका वनिता बाफना ने सभी का स्वागत किया।
4 सितंबर को प्रथम क्लास परीक्षा प्रशिक्षक उषा जी कच्छारा द्वारा ली गई। उषा जी ने बहुत अच्छे से प्रेक्षा ध्यान के बारे में बताया, मंगल भावना, महाप्राण ध्वनि, स्वास कैसे लेना है, करोना काल मे फेफडों को कैसे मजबूत बनाये उसकी क्रिया बताई, हाथों की क्रिया, आखों की क्रिया, सूर्य नमस्कार, और स्वास्थ की अनुप्रेक्षा करवाई। नारी लोक प्रश्नोत्तरी भरने के लिए सभी बहनों को प्रेरित किया गया।
भक्तांबर स्त्रोत के 41 से 48 पद्य याद करने के लिए बहनों को कहा गया तथा नाम लिखवाने के लिए बोला गया। अक्टूबर माह के संकल्प अनुपूर्वी फेरने के लिए सभी बहनों को बोला गया। नवरात्रि अनुष्ठान में किए जाने वाले मंत्रों की जानकारी दी गई। मुंबई कार्यकारिणी से कल्पना जी परमार, क्रांति जी सुराणा, कांता जी बडाला, अंजू जी कोठारी की उपस्थिति रही। आभार ज्ञापन वनीता चंडालिया द्वारा किया गया। 40 बहनों की उपस्थिति रही। अगले संडे ली जाने वाली परीक्षा ध्यान की क्लास में ज्यादा से ज्यादा जो मेंबर जोड़ने के लिए बोला गया। ब्रेनविटा क्विज में 23 बहनों ने भाग लिया। अखिल भारतीय महिला मंडल की जीव अजीव प्रतियोगिता में 16 बहनों ने भाग लिया।
चेम्बूर महिला मंडल ने शुरू किया प्रेक्षा ध्यान क्लास

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