नई दिल्ली:केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि क्षतिपूर्ति उपकर (कंपनसेशन सेस) से मिले 20,000 करोड़ रुपये आज रात राज्यों को जारी किए जाएंगे। गुड्स एंड सर्विसे टैक्स (जीएसटी) काउंसिल ने इसरो और एंट्रिक्स की उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं को जीएसटी के दायरे से छूट देने का भी फैसला किया।
वित्त मंत्री सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की 42वीं बैठक के बाद कहा, ”क्षतिपूर्ति उपकर से मिले 20,000 करोड़ रुपये का बंटवारा राज्यों के बीच किया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी काउंसिल ने जून 2022 के बाद भी क्षतिपूर्ति उपकर जारी रखने का निर्णय किया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि काउंसिल की जीएसटी संग्रह में कमी तथा राज्यों की क्षतिपूर्ति पर आगे और विचार-विमर्श के लिए 12 अक्टूबर को बैठक होगी। काउंसिल की बैठक के बाद वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि जीएसटी परिषद ने इसरो और एंट्रिक्स की उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं को माल एवं सेवा कर दायरे से छूट देने का निर्णय किया है।
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी से प्राप्त होने वाले राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी आ सकती है। केंद्र सरकार की गणना के हिसाब से इसमें महज 97 हजार करोड़ रुपये की कमी के लिए जीएसटी का क्रियान्वयन जिम्मेदार है, जबकि शेष 1.38 लाख करोड़ रुपये की कमी कोविड-19 के कारण है। केंद्र सरकार ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिया था। इसके तहत राज्य या तो रिजर्व बैंक के द्वारा दी गई विशेष सुविधा से 97 हजार करोड़ रुपये का कर्ज उठा सकते हैं या फिर बाजार से 2.35 लाख करोड़ रुपये उधार ले सकते हैं।
जीएसटी पर कई राज्य और केंद्र आमने-सामने
गैर-भाजपा शासित राज्य जीएसटी राजस्व में कमी को लेकर केंद्र सरकार के साथ आमने-सामने हैं। ऐसे छह राज्यों पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार के द्वारा पेश विकल्प का विरोध करते हुए पत्र लिखा था। ये राज्य चाहते थे कि जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए केंद्र सरकार कर्ज ले, जबकि केंद्र सरकार का तर्क था कि वह उन करों के एकज में कर्ज नहीं उठा सकती है, जो उसके खाते के नहीं हैं।