लखनऊ:राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर लखनऊ विकास प्राधिकरण, लीडा, उन्नाव विकास प्राधिकरण और कानपुर विकास प्राधिकरण के क्षेत्रों को मिलाकर ‘काउंटर मैग्नेट सिटी’ बसाया जाएगा। इसका मुख्य मकसद एनसीआर के दबाव को कम करना है। प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर इससे जुड़े अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है।
काउंटर मैग्नेट सिटी बनाने का मकसद
एनसीआर की बढ़ती हुई आबादी को देखते हुए इसके दायरे में आने वाले राज्यों में काउंटर मैग्नेट सिटी बसाए जाने की योजना है। इसमें एनसीआर की तरह सभी सुविधाएं दी जाएंगी, जिससे होने वाले पलायन को वहीं पर रोका जा सके और लोगों को रोजगार की सुविधा मिल सके। काउंटर मैग्नेट सिटी के दायरे में आने वाले इन शहरों की जमीनों पर बेहतर और आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यह सुविधाएं ऐसी होंगी, जिससे निवेशकों को उद्योग लगाने के लिए जमीन मिलने के साथ अन्य सभी सुविधाएं मिलें। उद्योग लगने या फिर अन्य योजनाएं आने से इस क्षेत्र में रोजगार के संसाधन विकसित होंगे और लोगों को एनसीआर नहीं जाना पड़ेगा।
प्रस्ताव बनाने के निर्देश
प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान लखनऊ विकास प्राधिकरण, उन्नाव विकास प्राधिकरण, लीडा और कानपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों व मुख्य नगर नियोजक के साथ काउंटर मैग्नेट सिटी बसाने पर चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिया कि वे प्रस्ताव तैयार करें, जिससे 5 अक्टूबर को होने वाली एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में रखा जा सके। यूपी में ‘काउंटर मैग्नेट सिटी’ बसाने की शुरुआत समाजवादी सरकार में हुई थी, अब इसे अमली जामा पहनाया जा रहा है।
लैंड बैंक विकसित होगा
लखनऊ, लीडा, शुक्लागंज-उन्नाव और कानपुर विकास प्राधिकरण बड़ा लैंड बैंक विकसित करेंगे, ताकि देश-विदेश के उद्यमियों को निवेश करने में आसानी हो। केडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने बताया कि शुक्लागंज के 29 गांवों को लेकर भी योजना अलग से बनाई जाएगी। प्रमुख सचिव ने राज्य राजधानी क्षेत्र में विकास के लिए कामकाज करने के लिए एक प्लेटफॉर्म बनाया है। इसका नाम दिया गया है- ‘प्रीपरेशन ऑफ द रिक्वीजिट प्लान ऑफ द एक्शन ऑफ द डेवलपमेंट ऑफ काउंटर मैग्नेट एरिया ऑफ द एनसीआर’। इसी के तहत लखनऊ से लेकर कानपुर तक योजना बनेगी।
क्या मिलेंगी सुविधाएं
– निवेशकों को जरूरत के आधार पर जमीनें दी जाएंगी
– सड़क, बिजली, पानी व सीवर की व्यवस्था की जाएगी
– लोगों के लिए सिटी ट्रांसपोर्ट की बेहतर सुविधा होगी
– लखनऊ-कानपुर के बीच रैपिड रेल भी चलाई जा सकती है
अभी पांच मैग्नेट सिटी हैं
देशभर में मौजूदा समय पांच ‘काउंटर मैग्नेट सिटी’ हैं। इसमें ग्वालियर, बरेली-रामपुर, पटियाला, कोटा और हिसार शामिल हैं।