बीजिंग:बीजिंग ने भारत में 118 ऐप को बैन किए जाने की आलोचना करते हुए गुरुवार को नोबल पुरस्कार से सम्मानित रबीन्द्रनाथ टैगोर और योग की चीन में लोकप्रियता का हवाला दिया। इसके साथ ही, उसने अमेरिका के क्लीन नेटवर्क प्रोग्राम में वाशिंगटन की तरफ से शुरू किए गए सुरक्षा खतरों के बिना इंटरनेट में नहीं शामिल होने को लेकर नई दिल्ली को चेताया।
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत में 118 ऐप को बैन किए जाने के पीछे कारणों के विपरीत चीनी नागरिकों के बीच टैगोर की कविता की लोकप्रियता और योग की व्यापक स्वीकार्यता को चीन अपने लिए ‘घुसपैठ’ या ‘खतरे’ के तौर पर नहीं देखता है।
भारत की तरफ से बुधवार को फिर से ऐप को बैन करने को चीन ने भेदभावपूर्ण कार्रवाई करार दिया। चीन ने भारत सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर चीनी मोबाइल ऐप्स को बंद करने के भेदभावपूर्ण कार्रवाई को रोके। इसके साथ ही, चीन ने विश्व व्यापार संगठन के नियमों का हवाला देते हुए कहा यह डब्ल्यूटीओ के नियमों का उल्लंघन है। चीन ने कहा कि भारत निष्पक्ष, खुले और बिना भेदभाव के व्यावसायिक माहौल बनाए और सही रास्ते पर लौटे।
गौरतलब है कि एक दिन पहले केंद्र सरकार ने बुधवार को एक और अहम फैसला लिया और दुनियाभर में लोकप्रिय गेमिंग ऐप PUBG समेत 118 मोबाइल ऐप्स को बैन कर दिया है। इससे पहले भी सरकार कई चीनी कंपनियों की ऐप को बन कर चुकी है।सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने प्रतिबंधित की गईं ऐप्स को देश की सुरक्षा, संप्रभुता, एकता के लिए नुकसानदेह बताया।
ऐप्स को बैन किए जाने की जानकारी देते हुए आईटी मंत्रालय ने कहा, ‘सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69-ए के तहत इस फैसले को लागू किया है। ये सभी 118 मोबाइल ऐप्स विभिन्न प्रकार के खतरे उत्पन्न कर रही थीं, जिसके चलते इन्हें ब्लॉक किया गया है।’ मंत्रालय ने आगे कहा उपलब्ध जानकारी के मद्देनजर ये ऐप्स ऐसी गतिविधियों में लगे हुए हैं, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, सुरक्षा के लिए नुकसानदायक है।
सरकार ने जिन 118 मोबाइल ऐप्स को बैन किया है, उनमें APUS लॉन्चर प्रो थीम, APUS सिक्योरिटी-एंटीवायरस, APUS टर्बो क्लीनर 2020, शाओमी की शेयर सेव, फेसयू, कट कट, बायडु, कैमकार्ड शामिल हैं। इसके अलावा, वीचैट रीडिंग, पिटू, इन नोट, स्मॉल क्यू ब्रश, साइबर हंटर, लाइफ आफ्टर आदि ऐप्स भी शामिल हैं।
मंत्रालय ने आगे कहा, ‘सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय को विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें चोरी के लिए एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग और यूजर्स के डेटा का गलत इस्तेमाल शामिल है।’आईटी मंत्रालय ने कहा कि भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र, गृह मंत्रालय ने भी इन ऐप्स को ब्लॉक करने के लिए एक विस्तृत सिफारिश भेजी है। भारत की संप्रभुता के साथ-साथ हमारे नागरिकों की गोपनीयता को नुकसान पहुंचाने वाले ऐप्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला लिया गया है।’
सबसे पहले जून के अंत में भारत सरकार ने चीन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 59 चाइनीज चीनी मोबाइल एप्स को बैन किया था। इन ऐप्स में टिकटॉक, शेयर इट, यूसी ब्राउजर, हेलो, विगो, जैसे ऐप शामिल थीं। इसके बाद, अगले महीने में सरकार ने 47 और चीनी मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस तरह बुधवार को लिए गए फैसले से पहले सरकार 106 चीनी ऐप्स को बैन कर चुकी थी।