हरिद्वार: सात वर्ष पूर्व आशाराम बापू की गिरफ्तारी और फिर सजा के का विरोध करते हुए उनके समर्थक संतों एवं अनुयायियों ने 31 अगस्त को काला दिवस मनाया। 25 अप्रैल 2018 को उन्हें अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। 31 अगस्त 2013 को, रात 12 बजे उन्हें इंदौर आश्रम से जोधपुर ले जाया गया और तब से लेकर आज तक जोधपुर सेंट्रल जेल में है। उनके भक्त इस दिवस को “ब्लैक डे” के रूप में मनाते हैं। आशाराम बापू आश्रम, हरिद्वार में तमाम संतों ने एकजुट होकर इसकी भर्त्सना की और शीघ्र रिहाई के लिए आवाज उठाई।
मीडिया प्रभारी नीलू अरोड़ा ने कहा है कि बापूजी धर्मांतरण के विरोध में अनेक कार्य करते रहे हैं और भारतीय संस्कृति का पुनर्जागरण करते हुए समाज को उन्होंने बहुत बड़ा मार्गदर्शन दिया है, इसलिए उन्हें जल्द से जल्द रिहा कर सम्मान सहित आश्रम लाया जाये, यह आवाज संत समाज की प्रखर होती जा रही है। इस अवसर पर जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संगठन मंत्री, महंत विनोद गिरी, अग्नि अखाड़े के योगाचार्य व महंत साधनानंद, स्वामी अमलानन्द और टाटम्बरी बाबा आदि संत उपस्थित रहे।
संतों ने 31 अगस्त को मनाया काला दिवस
Leave a comment
Leave a comment